Jabalpur News: फील्ड में पदस्थापना के बाद भी कई कर्मचारी कार्यालयों में बजा रहे ड्यूटी

  • कर्मचारी अपने आप को कार्यालय में पदस्थ करवा लेते हैं, जिससे फील्ड का कार्य प्रभावित होता है।
  • जबलपुर रेल मंडल में करीब 16 हजार रेल कर्मचारियों में बड़ी संख्या में ग्रुप डी व सी के कर्मचारी शामिल हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-05 11:06 GMT

Jabalpur News: रेल मंडल में सुरक्षा और संरक्षा से जुड़े कर्मचारियों के साथ ही फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों की कार्यालयों में पदस्थापना को लेकर रेलवे के अधिकांश कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा है। लंबे समय से फील्ड में काम कर रहे ऐसे कर्मचारियों का मानना है कि उनके ही ग्रुप के कुछ कर्मचारी किसी तरह अपनी पदस्थापना कार्यालय में करा लेेते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ता है और उन्हें लगातर फील्ड ड्यूटी करने की नौबत आ रही है।

जबलपुर रेल मंडल में करीब 16 हजार रेल कर्मचारियों में बड़ी संख्या में ग्रुप डी व सी के कर्मचारी शामिल हैं। जिनकी पदस्थापना रोड साइड स्टेशनों पर है लेकिन वे उन छोटे स्टेशनों पर कार्य न करके किसी तरह से मंडल व मुख्यालय के कार्यालयों में कार्य कर रहे हैं और वेतन पदस्थापना स्टेशनों से ही प्राप्त कर रहे हैं।

जिसके चलते मैदानी स्टाफ में आक्रोश उपज रहा है। सूत्र बताते हैं कि मंडल के दूरसंचार विभाग में पदस्थ इलेक्ट्रिक सिग्नल मेंटेनर की छोटे स्टेशनों पर सिग्नलों की गड़बड़ी होने अथवा उनकी देखरेख के लिए भर्ती की जाती है, लेकिन इस संवर्ग के कर्मचारी अपने आप को कार्यालय में पदस्थ करवा लेते हैं, जिससे फील्ड का कार्य प्रभावित होता है।

इसी तरह परिचालन विभाग के कुछ प्वाॅइंट्मैन भी अपने मूल स्थान पर कार्य करने की बजाय कार्यालयों में तैनात हो गए हैं। बताया जाता है कि मंडल के 1081 किमी क्षेत्र में रेल ट्रैक की रखवाली करने वाले ट्रैकमैनों की भी यही स्थिति है।

विजिलेंस भी नहीं करता कार्रवाई

सूत्राें का कहना है कि रेलवे के विजिलेंस विभाग में मौजूद भारी अमले को रेलवे की अनियमितताओं की ओर ध्यान देने के साथ ही इस तरह की अव्यवस्था पर भी कार्रवाई किए जाने का अधिकार है, मगर यहाँ के विजिलेंस विभाग को भी शायद इन सब से कोई सरोकार नहीं, जिसके चलते आज तक ऐसे मामलों में उनके द्वारा जाँच नहीं की जा रही है।

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