Jabalpur News: एक-एक बोरी डीएपी और यूरिया की मारामारी

  • प्रशासन कह रहा विकल्पों का करें उपयोग, किसानों का दावा कि केवल कागजों में दिखाते हैं बम्पर स्टॉक
  • सरकार ने बजट में कटौती की है जिसका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
  • प्रशासन किसानों से वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल की सलाह दे रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-27 12:51 GMT

Jabalpur News: पाटन, सिहोरा, बरेला ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं होगा जहाँ इन दिनों खाद का संकट न हो। किसान अँधेरे में ही डबल लॉक केन्द्रों की तरफ निकल पड़ते हैं और पूरे दिन इंतजार के बाद शाम को खाली हाथ घर वापस पहुँचते हैं। उन्हें एक-एक बोरी डीएपी और यूरिया के लिए तरसाया जा रहा है।

प्रशासन तमाम दावे कर रहा है कि खाद का स्टॉक है और किसानों को वितरण भी किया जा रहा है लेकिन यह केवल हवा-हवाई बातें हैं। हकीकत बेहद डराने वाली है। यही हाल रहा तो किसानों का आक्रोश फट पड़ेगा। वहीं प्रशासन किसानों से वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल की सलाह दे रहा है। भारत कृषक समाज के केके अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन केवल दावे कर रहा है और कहा जा रहा है कि यूरिया और डीएपी का स्टॉक है लेकिन यह बात सच नहीं है। सरकार ने बजट में कटौती की है जिसका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसी भी डबल लॉक केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं है। जहाँ है भी वहाँ एप्रोच वालों को प्राथमिकता दी जा रही है। रबी सीजन में बोवनी के लिए खाद बेहद अहम होती है।

वैकल्पिक उर्वरकों का करें इस्तेमाल

उप संचालक कृषि डॉ. एसके निगम और अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से डबल लॉक केंद्र पाटन एवं शहपुरा का निरीक्षण किया। उप संचालक कृषि ने उर्वरक की उपलब्धता की जाँच के साथ ही किसानों को यूरिया और डीएपी के अत्यधिक इस्तेमाल की बजाय फसलों को आवश्यक सभी पोषक तत्व की पूर्ति हेतु वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी।

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