Jabalpur News: 108 एम्बुलेंस सेवा की कुंडली बुलाई, कहा हर जानकारी दो, मरीजों की लिस्ट भी माँगी
- एम्बुलेंस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद, कलेक्टर ने दिखाई सख्ती
- कलेक्टर ने कहा कि जिस अस्पताल के लिए 108 एम्बुलेंस से मरीज को रेफर किया जाता है, उसी अस्पताल में जाए।
- कलेक्टर ने कहा कि जिस अस्पताल के लिए 108 एम्बुलेंस से मरीज को रेफर किया जाता है, उसी अस्पताल में जाए।
Jabalpur News: विगत दिवस दुर्घटना में घायल हुए मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बजाय निजी अस्पताल में भर्ती करने के मामले में 108 एम्बुलेंस सेवा शक के दायरे में है। यही कारण है कि अब इसकी पूरी कुंडली खँगाली जा रही है। कलेक्टर ने कहा है कि विगत 1 अगस्त से 15 सितंबर तक जिले में 108 एंबुलेंस द्वारा कहाँ-कहाँ से किस-किस मरीज को किस-किस अस्पताल में पहुँचाया गया, इसकी पूरी जानकारी दें, ताकि इसका अध्ययन कर संबंधित पर ठोस कार्रवाई की जा सके।
इसके साथ ही उन्होंने जिले के कुछ अस्पतालों के 45 दिनों की इंडोर पेशेंट की रिपोर्ट भी माँगी है। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस सेवा एक महत्वपूर्ण सेवा है, उसमें किसी भी प्रकार का दाग नहीं लगना चाहिए। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शुक्रवार को जिले में एम्बुलेंस संचालन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक बैठक की।
इसमें अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह, शहरी क्षेत्र के सभी एसडीएम, सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा और स्टेट को-ऑर्डिनेटर 108 एंबुलेंस नितिन बाजपेई सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिस अस्पताल के लिए 108 एम्बुलेंस से मरीज को रेफर किया जाता है, उसी अस्पताल में जाए। इस दौरान यदि एम्बुलेंस चालक किसी अन्य हॉस्पिटल में मरीज को ले जाता है तो तत्काल इसकी शिकायत करें।
विगत दिवस एम्बुलेंस चालक द्वारा निर्धारित अस्पताल में मरीज को न पहुँचाकर अन्य प्राइवेट अस्पताल में पहुँचाने के कारण उन्होंने कहा कि इसमें कमीशनखोरी की संभावना दिखाई देती है। उन्होंने स्टेट को-ऑर्डिनेटर 108 एम्बुलेंस से कहा है कि पूरी व्यवस्था में कसावट लाई जाए।
यह है मामला -विगत दिवस चरगवाँ के समीप एक दुर्घटना में दो घायलों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया था लेकिन 108 एम्बुलेंस चालक और स्टाफ उन्हें एक निजी अस्पताल ले गया था। मामले में एम्बुलेंस प्रबंधन ने 3 कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए 2 अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया था।