आईपीएल सट्टा: हवाला के जरिए होता है लाखों का ट्रांजेक्शन

आसपास के कई जिलों में फैला है कारोबार, शातिर हुए सटोरिए, पुलिस के हाथ रह जाते हैं खाली

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-03 18:27 GMT

डिजिटल डेस्क जबलपुर। क्रिकेट सट्टे का कारोबार ऑनलाइन होने से जहाँ सटोरियों को पकडऩा पुलिस के लिए चुनौती भरा काम हो गया है वहीं सटोरियों ने अपना पूरा नेटवर्क हाईटेक कर महाकौशल सहित आसपास के जिलों में अपना जाल फैला लिया है। पहले सट्टा पकड़े जाने पर लाखों की रकम जब्त होती थी लेकिन अब शातिर सटोरियों द्वारा बड़ी रकम का भुगतान हवाला के जरिए किया जाने लगा जिससे बड़ी रकम पकड़े जाने का रिस्क खत्म हो गया है। पकड़े जाने पर भी रकम के मामले में पुलिस के हाथ खाली ही रह जाते हैं।

जानकारों के अनुसार सटोरियों का नेटवर्क ऑनलाइन होने से जहाँ वे देश के किसी भी हिस्से में बैठकर अपना कारोबार संचालित कर सकते हैं, वहीं रकम के लेन-देन में भी आसानी हो गई है। सटोरियों द्वारा जहाँ ग्राहकों को आईडी देने के पहले रकम जमा करा ली जाती है वहीं चुकारा करने की स्थिति में 1 लाख के आसपास की राशि का भुगतान ऑनलाइन कर दिया जाता है। वहीं बड़ा चुकारा होने पर ग्राहक को एक कोड नंबर दिया जाता है और वह इस नंबर के जरिए हवाला का काम करने वाले से रकम प्राप्त कर लेते हैं और इसकी भनक तक किसी को नहीं लग पाती है। जानकारों के अनुसार आईपीएल सीजन में पकड़े गए सटोरियों से पूछताछ के बाद पुलिस अब हवाला के जरिए सट्टे की रकम का भुगतान करने वालों की कुंडली खँगालने में जुटी है।

एजेंट के पकड़े जाने पर हुए सतर्क

जानकारी के अनुसार आईपीएल सीजन के दौरान सट्टा खिलाने वाले सटोरिए दिलीप खत्री के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे। उसकी पतासाजी के दौरान पुलिस ने उसके एजेंट नितिन पांडे को पकड़ा था। एजेंट के पकड़े जाने के बाद सटोरिए सतर्क हो गए और नकद भुगतान का तरीका बदल दिया है।

ग्राहकों को बाँटी आईडी

जानकारों के अनुसार सटोरियों द्वारा अपना खुद का एप बनाए जाने व पूरा कारोबार ऑनलाइन होने से सटोरियों का नेटवर्क आसपास के कई जिलों तक फैल गया है। सटोरियों द्वारा सतना, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, मंडला सहित कई जिलों में अपनी आईडी ग्राहकों यानी सट्टा लगाने वालों को बाँटी गई है। इन ग्राहकों को जीत की रकम का भुगतान बड़ी ही आसानी से किया जाता है।

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