जबलपुर: 30 अक्टूबर से सोम, शुक्रवार और रविवार को उड़ेगी मुंबई के लिए इंडिगो फ्लाइट
रुक-रुक कर हैदराबाद चल रही अलायन्स एयर की उड़ान भी बंद
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
स्पाइसजेट के बंद होने के बाद से जबलपुर के आकाश पर उड़ानों का संकट गहराया हुआ है। सबसे ज़्यादा परेशानी मुंबई सेक्टर पर है, जहाँ स्पाइसजेट के समय दो बड़े विमान प्रतिदिन चल रहे थे वहीं अब केवल एक विमान सप्ताह में तीन दिन उड़ान भर रहा है। आगामी 30 अक्टूबर से विंटर शेड्यूल लागू हो रहा है, जिसमें मुंबई फ्लाइट के दिन नहीं बढ़ रहे उल्टे अव्यावहारिक हो रहे हैं। वहीं इंडिगो ने देश के कई नये हवाई अड्डों से नई उड़ानें शुरू की हैं, जो विमानों की कमी न होना दर्शाता है। इसी तरह अलायन्स एयर की रुक-रुककर संचालित हो रही हैदराबाद उड़ान करीब-करीब बंद ही हो रही है। उड़ानों की कमी और अव्यावहारिक समय सारिणी से जबलपुर के फ्लायर परेशान हैं।
मुंबई उड़ान मासांत से सोम, शुक्र, रवि
विंटर शेड्यूल 30 अक्टूबर से लागू हो रहा है और इसी दिन से इंडिगो की मुंबई उड़ान मंगलवार, गुरुवार और रविवार की जगह सोमवार, शुक्रवार और रविवार को उड़ेगी। अगर फ्लायर की दृष्टि से देखें तो अब यह काफी अव्यावहारिक हो जाएगा, क्योंकि सोमवार के बाद तीन दिन तक कोई उड़ान नहीं रहेगी। वैसे अभी भी फ्लायर केवल तीन दिन उड़ान से वैसे ही परेशान रहते हैं। अक्सर वे दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर होकर मुंबई आते-जाते हैं, जिसमें डायरेक्ट उड़ान की तुलना में 4-5 गुना ज्यादा समय और बहुत ज्यादा किराया भी लगता है। कुछ फ्लायर्स नागपुर होकर भी आते-जाते हैं, जिसमें 5 घंटे सड़क मार्ग पर चलना पड़ता है। इंडिगो एयरलाइंस जबलपुर से मुंबई के अलावा दिल्ली, हैदराबाद और इंदौर के लिए भी उड़ानें संचालित करती है और शानदार बिजनेस मिलने के बावजूद मुंबई उड़ान के फेरे न बढ़ाना समझ से परे है। ये भी समझ से परे है कि स्पाइसजेट ने बड़े आर्थिक फायदे के बावजूद दोबारा उड़ानें क्यों नहीं शुरू कीं, जबकि उनकी कम फ्लायर के बावजूद ग्वालियर से उड़ानें जारी हैं।
कमाई का गणित रोक रहा डेली फ्लाइट
2अगर फ्लायर्स की मानें तो मुंबई की डेली फ्लाइट को इंडिगो ने कमाई के चलते रोक रखा है। जबलपुर-मुंबई के बीच डायरेक्ट फ्लाइट आमतौर पर 5 से 7 हजार के बीच मिल जाती है। वहीं जब हैदराबाद, दिल्ली या इंदौर होकर फ्लाइट बुक करते हैं तो ये टिकट 10 से 15 हजार रुपए के बीच होती है। फ्लायर्स का कहना है कि जब एक टिकट का दोगुना किराया मिल रहा है और फ्लायर की मजबूरी है सफर करना तो डेली उड़ान की जरूरत ही क्या है? फ्लायर्स की बात में दम है या कोई और बात, यह इंडिगो ही बता सकता है।
एयरपोर्ट का विस्तार, उड़ानें नदारद
करीब 450 करोड़ रुपए से जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का विस्तार अंतिम चरणों में है, जिसके तहत रनवे की लंबाई बढ़ाई गई है, बड़ा टर्मिनल भवन बनाया गया, अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं, लेकिन उड़ानें पहले की तुलना में आधी हो गई हैं। पहले स्पाइसजेट की दिल्ली, मुंबई उड़ानों के अलावा हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे की फ्लाइट्स भी संचालित होती थीं। इसके अलावा एक समय था जब कोलकाता, अहमदाबाद, सूरत के लिए भी उड़ानें थीं। एयर अलायन्स भी पहले दिल्ली, बिलासपुर (सप्ताह में चार दिन) और इंदौर की उड़ानें संचालित करता था, बाद में इंदौर बंद कर के हैदराबाद शुरू की, वाे भी बंद कर दी गई। इसी तरह बिलासपुर के फेरे भी 4 से घटाकर 3 दिन कर दिए गए। यह कहा जा रहा था कि इंडिगो के आने से कई सेक्टर्स पर उड़ानें शुरू होंगी, लेकिन विंटर शेड्यूल में फिलहाल तो यह सपना पूरा होते नहीं दिख रहा।