जबलपुर: जिस गार्डन में खिलने थे रंग-बिरंगे फूल वहाँ पर नजर आ रहीं टूटी-फूटी सीमेंटेड कुर्सियाँ
- नगर निगम ने नर्मदा तट गौरीघाट में कराया था निर्माण
- जिम्मेदारों की उदासीनता से अब हो गया बदहाल
- बार-बार शिकायतें करने के बावजूद नगर निगम के जिम्मेदार खामोश बने बैठे हुए हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नर्मदा तट गौरीघाट और दरोगाघाट के बीच श्रद्धालुओं के लिए नावघाट से लगे ऊपरी हिस्से में गार्डन का निर्माण करवाया गया था। कुछ समय तक तो इस उद्यान की देखभाल भी होती रही लेकिन बाद में इसे यूँ ही उपेक्षित छोड़ दिया गया।
यही वजह है कि गार्डन में महिलाओं के कपड़े बदलने वाले चेंजिंग बूथ और कचरा जालियों को बड़ी संख्या में रखवा दिया गया है, जिसके चलते फूलदार पौधे, सीमेंटेड कुर्सियाँ एवं रोज गार्डन भी पूरी तरह से उजड़ चुका है। इस बीच बार-बार शिकायतें करने के बावजूद नगर निगम के जिम्मेदार खामोश बने बैठे हुए हैं।
तत्कालीन सीएम शुक्ल ने किया था लोकार्पण -
जानकारों का कहना है कि नाव घाट के ऊपर 11 जनवरी 1990 में नगर निगम द्वारा उक्त गार्डन का निर्माण करवाया गया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री पं. श्यामा चरण शुक्ल ने इसका विधिवत रूप से लाेकार्पण कर सैलानियों को इस गार्डन में आने का आह्वान भी किया था।
फिल्टर प्लांट के कारण खत्म हुई सुंदरता
क्षेत्रीयजनाें रामकिशोर ठाकुर, जगदीश तिवारी, माेहन सिंह एवं पं. राजीव दुबे आदि ने बताया कि नावघाट के उक्त गार्डन में ही नगर निगम द्वारा फिल्टर प्लांट बनाने संबंधी 2 बार खुदाई कार्य करवाया गया।
इसी के चलते गार्डन में लगे विभिन्न प्रजातियों के पौधे, फलदार वृक्ष एवं सीमेंटेड कुर्सियों आदि में भी टूट-फूट होने लगी और देखते ही देखते यह गार्डन बदहाल होता गया। इतना ही नहीं जिस चौकीदार को इस गार्डन की देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसने भी पहले तो अपने रहने के लिए यहाँ 1 कमरे का निर्माण करवाया और बाद में चोरी-छिपे 3 कमरों वाला घर बनाकर चौकीदार ने आधे गार्डन पर कब्जा कर लिया।
हमारे द्वारा उक्त गार्डन का जायजा लेकर यहाँ जो भी समस्याएँ हैं उन्हें यथाशीघ्र दूर कराया जाएगा और यदि चौकीदार द्वारा अवैध कब्जा किया गया है तो उसके खिलाफ भी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की जाएगी।
-संदीप जायसवाल, प्रभारी स्वास्थ्य विभाग नगर निगम
रखकर चले गए चेंजिंग बूथ और कबाड़
लोगों ने बताया कि गौरीघाट स्थित विभिन्न घाटों पर रखे जाने वाले महिलाओं के चेंजिंग बूथ और पूजन सामग्री रखने वाली कचरा जालियाँ भी नगर निगम द्वारा इसी गार्डन में रख दिए गए हैं। इतना ही नहीं यहाँ रखी गईं सीमेंटेड कुर्सियों को भी असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। इसी के चलते यहाँ आने वाले सैलानियों एवं श्रद्धालुओं की संख्या कम होती गई और अब यह गार्डन अपनी दुर्दशा पर आँसू बहाता साफ नजर आ रहा है।