विडंबना: कई जगह स्टाफ की कमी से भी हो रही है लेटलतीफी, नहीं मिल पा रहीं सुविधाएँ
- संजीवनी क्लीनिक का लक्ष्य अधूरा, किसी के लिए जमीन नहीं मिल पाई तो कहीं पर लटक रहा ताला
- जोड़-तोड़ कर एचआर का प्रबंध करने के बाद अब 7 क्लीनिक शुरू करने की तैयारी है।
- जिन वार्डों में स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं, वहाँ पहले शुरू करने का प्रयास है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर के हर वार्ड में एक स्वास्थ्य केंद्र हो, इस लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिकों की नींव रखी गई। लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी यह लक्ष्य अभी भी दूर नजर आ रहा है। अब तक 28 संजीवनी ही तैयार हो सकी हैं, जबकि नगर निगम को 43 संजीवनी क्लीनिक बनाकर देनी थीं।
इन क्लीनिकों में मानव संसाधन के साथ संचालन का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग का है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो निगम द्वारा बनाई जा चुकीं 28 संजीवनी क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर की जा चुकी हैं। वहीं 5 क्लीनिकों को वार्ड में मौजूद अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में अपडेट कर दिया गया है।
जोड़-तोड़ कर एचआर का प्रबंध करने के बाद अब 7 क्लीनिक शुरू करने की तैयारी है। वहीं 21 पर ताला लटका है। कई जगह रखरखाव के अभाव में आसपास झाड़ियाँ तक उग आई हैं और कचरा इकट्ठा हो गया है। इधर जगह न मिलने समेत विभिन्न कारणों से शेष 10 क्लीनिकों का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था करने भोपाल एनएचएम को पत्र लिखा गया है, जिसके बाद 5 डॉक्टर मिले हैं।
28 संजीवनी हैंडओवर हुईं
अर्बन नोडल अधिकारी डॉ. एसएस दाहिया ने बताया कि निगम द्वारा 28 संजीवनी तैयार कर हैंडओवर कर दी गई हैं। वहीं बची हुई क्लीनिकों के लिए निगम द्वारा जगह की तलाश की जा रही है। फिलहाल भोपाल से 5 चिकित्सक मिले हैं। इनमें 2 चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ जिला स्वास्थ्य महकमे से मिलाकर, 7 क्लीनिक शीघ्र ही शुरू हो जाएँगी। जिन वार्डों में स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं, वहाँ पहले शुरू करने का प्रयास है।
यहाँ पहले शुरू होंगी संजीवनी
जानकारी के अनुसार शुरुआत चेरीताल, बाजनामठ, मदन महल, कांजी हाउस गढ़ा और विजय नगर में बनी संजीवनी क्लीनिकों से होगी। एक अन्य स्वास्थ्य केंद्र मढ़ई को इमलिया में बने नए भवन में शिफ्ट किया जाना है। जिन स्वास्थ्य केंद्रों में अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ है, उन्हें इन केंद्रों पर तैनात किया जाएगा। वहीं डाटा एंट्री ऑपरेटर और सपोर्टिंग स्टाफ आउटसोर्स से रखा जाना है।
एक नजर में
स्वास्थ्य विभाग के 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
पहले से संचालित 13 संजीवनी क्लीनिक
7 सिविल डिस्पेंसरी
43 नई संजीवनी क्लीनिक
सभी मिलाकर 79 स्वास्थ्य केंद्र होंगे
संजीवनी क्लीनिक में
12 तरह की स्वास्थ्य सेवाएँ
43 तरह की लैब जाँच
212 प्रकार की दवाएँ
1 डॉक्टर, 2 स्टाफ नर्स, 1 सपोर्टिंग स्टाफ