10 करोड़ की स्मार्ट सड़कों पर सुधारी जा रहीं कारें, फुटपाथ को भी निगला

जो सड़क जनता की सहूलियत के लिए करोड़ों खर्च कर बनाई उसके 60 फीसदी हिस्से में अवैध कब्जे, एमएलबी स्कूल के गेट को भी नहीं छोड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-20 07:41 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

पुराने मोटर स्टैण्ड से एमएलबी गेट तक, नगर निगम तीन पत्ती चौराहे से मानस भवन गेट तक दो स्मार्ट सड़कें लगभग 10 करोड़ की राशि खर्च कर बनाई गईं। इन सड़कों में एक-एक किलोमीटर की सीमा में अंडर ग्राउंड विद्युत सिस्टम, स्मार्ट लाइट्स, फुटपाथ और सब कुछ माॅर्डन रूप देने की कोशिश की गई, इनमें काम अभी भी बाकी है। इन्हीं दो सड़कों पर लेकिन आम आदमी का चलना दुश्वार है। इसकी वजह यह है कि इन सड़कों के किनारे जो मार्केट है उनके सामने कारों काे फुटपाथ पर रखकर उनमें उपकरण लगाये जाते हैं और वाहनों को सुधारा जाता है।

स्थाई दुकान वालों ने बिगड़े और सुधार करने लायक वाहनों का कब्जा कर दिया, अब इन वाहनों की वजह से सड़कों पर निकलना बेहद पीड़ादायक है। स्मार्ट सड़क के दोनों हिस्सों में हालात चिंताजनक है। फुटपाथ पर कब्जे के साथ सड़कों को घेरकर वाहन खड़े रहते हैं। हालात यहाँ तक बदतर हैं कि शहर की प्रसिद्ध पुत्री शाला जिसमें हजारों बच्चियाँ पढ़ती हैं उसके गेट तक इन वाहन सुधारने वालों ने कब्जे कर लिये हैं। लोगों का कहना है कि नगर निगम का अतिक्रमण निरोधी दस्ता जो चंद कदम दूरी पर पूरी टीम के साथ बैठा रहता है उनको यह लोगों को परेशान करने वाले कब्जे कभी दिखाई नहीं देते हैं।

वीआईपी का निकलना भी आसान नहीं

तीन पत्ती से मानस भवन की ओर कार्यक्रम में जब किसी तरह का वीआईपी मूवमेंट होता है उस दशा में भी इन दोनों मार्गों से निकलना आसान नहीं होता है। कार्यक्रम के दौरान मानस भवन के एकदम सामने वाले हिस्से में जब रोड को ब्लॉक कर दिया जाता है तो इन मार्गों पर ट्रैफिक और बढ़ता है उन स्थितियों में भी इन अस्थाई कब्जाधारियों को नहीं खदेड़ा जाता है। रविवार के दिन जब इन सड़कों की दुकानें बंद होती हैं उस समय महसूस किया जा सकता है कि इन सड़कों पर यदि वाहनों का कब्जा न हो तो जनता को कितनी राहत मिल सकती है।

कब्जे होने थे तो करोड़ाें खर्च क्यों किये

इधर इन सड़कों से जो लोग परेशान होकर निकलते हैं उनका कहना है कि जब इन सड़कों पर कब्जे ही अलग नहीं किये जा रहे हैं। जब कब्जा करने वालों को खुली छूट दी जा रही है तो ये मार्ग करोड़ाें खर्च कर स्मार्ट बनाये ही क्यों गये। कब्जों की वजह से दशा ऐसी है कि सड़क जरूर स्मार्ट है लेकिन हालात एकदम कस्बाई ही हैं।

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