जबलपुर: खतरे की अनदेखी कर बिल्डिंग की छतों पर दे रहे होर्डिंग लगाने की परमिशन

  • बिल्डिंग और स्ट्रक्चरल की मजबूती का नहीं रखा जा रहा ध्यान
  • नियमों को दरकिनार कर दी जा रही अनुमति
  • जबलपुर शहर में प्री-मानसून सीजन में 100 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार से आँधी चलती है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-11 13:58 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नगर निगम ने एक बार फिर खतरे की अनदेखी कर बिल्डिंग की छतों पर होर्डिंग लगाने की परमिशन देने की शुरुआत कर दी है। खतरों को देखते हुए नगर निगम ने वर्ष 2015 में छतों से होर्डिंग्स हटवा दिए थे।

सूत्रों का कहना है कि होर्डिंग की परमिशन देने में बिल्डिंग और स्ट्रक्चरल की मजबूती का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। मप्र आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 के प्रावधानों को दरकिनार कर होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जा रही है।

जबलपुर शहर में प्री-मानसून सीजन में 100 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार से आँधी चलती है। ऐसे में छतों पर लगे होर्डिंग्स नागरिकों के लिए कहर बन सकते हैं। खतरे को देखते हुए नगर निगम ने वर्ष 2015 से बिल्डिंग की छतों पर होर्डिंग लगाने की अनुमति देना बंद कर दी थी। एक बार फिर नगर निगम के अधिकारी बिल्डिंग की छतों पर होर्डिंग लगाने की अनुमति देकर नागरिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं।

भवन और होर्डिंग के स्ट्रक्चर को नहीं कराया प्रमाणित - नगर निगम ने बिल्डिंग की छतों पर होर्डिंग लगाने के लिए भवन और होर्डिंग के स्ट्रक्चर की जाँच नहीं कराई है। नियमों के अनुसार स्ट्रक्चरल इंजीनियर से जाँच के बाद ही किसी बिल्डिंग की छत पर होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जा सकती है।

जानकारों का कहना है कि नगर निगम ने यह भी नहीं देखा कि संबंधित बिल्डिंग स्वीकृत नक्शे के अनुसार बनी है या नहीं। एजेन्सी के दबाव में आकर नगर निगम ने होर्डिंग लगाने की परमिशन दे दी है।

मुंबई की घटना से नहीं लिया सबक

मुंबई में 13 मई 2024 को 50 किलोमीटर की रफ्तार से आँधी चलने से एक होर्डिंग गिर गया था। इस घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी। 75 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस घटना के बाद भी नगर निगम जबलपुर ने कोई सबक नहीं लिया। पहले नियम विरुद्ध तरीके से यूनिपोल लगाने की अनुमति दी, अब छतों पर खतरनाक होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जा रही है।

नाम भवन मालिक का और काम एजेन्सी का

बिल्डिंग की छतों पर होर्डिंग लगाने की अनुमति भवन मालिकों के नाम पर दी जा रही है। हकीकत में होर्डिंग लगाने का काम सागरदीप एजेन्सी कर रही है। नगर निगम ने महानद्दा में क्रांतिकुमार अरोरा, छोटी लाइन फाटक में सविता यादव और तिलहरी में गुरमीत कौर को छत पर होर्डिंग लगाने की अनुमति दी है।

हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम ने होर्डिंग लगाने की अनुमति देते समय भवन मालिक से होर्डिंग लगाने वाली एजेन्सी की जानकारी नहीं ली। इससे डिफाल्टर एजेन्सियों को होर्डिंग लगाने की छूट मिल गई है।

सागरदीप एजेन्सी पर बकाया है 1 करोड़ 4 लाख

जानकारों का कहना है कि छतों पर होर्डिंग लगाने में शामिल सागरदीप एजेन्सी पर वर्ष 2017 के पहले से 1 करोड़ 4 लाख रुपए बकाया है। डिफाल्टर होने के बाद भी एजेन्सी भवन मालिकों के नाम से परमिशन लेकर होर्डिंग लगाने का काम कर रही है। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।

मप्र आउटडोर मीडिया विज्ञापन नियम-2017 के अनुसार किसी भी निजी संपत्ति पर होर्डिंग लगाने का आवेदन भवन स्वामी की ओर से प्रस्तुत किया जाएगा।

आकृति और संरचना को उसके स्ट्रक्चर की दृष्टि से, जो अत्यधिक वायु और भूकम्प को सहन कर सके। मिट्टी धारण करने की क्षमता की दृष्टि से सुरक्षा स्थिरता पहलू के संबंध में स्ट्रक्चरल इंजीनियर द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।

प्रस्तावित आउटडोर मीडिया डिवाइस से 25 मीटर के घेरे में स्थित किसी अन्य संरचना, भवन आउटडोर मीडिया डिवाइस से संबंधित दूरियों को इंगित किया जाएगा।

प्रस्तावित आउटडोर मीडिया डिवाइस लगाने के लिए अनुमोदित भवन को भी प्रस्तुत किया जाएगा।

ऐसी जगह पर होर्डिंग लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जहाँ पर पुरातत्व या ऐतिहासिक महत्व के भवन हों, प्रतिमाएँ, मीनारें या धरोहर महत्व के भवन, शैक्षणिक संस्थाएँ या यातायात द्वीप हों।

महानद्दा, छोटी लाइन फाटक और तिलहरी में भवन मालिकों को छतों पर होर्डिंग लगाने की परमिशन दी गई है। परमिशन देने में नियमों का पालन किया गया है।

-भूपेन्द्र सिंह, होर्डिंग प्रभारी, नगर निगम

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