जबलपुर: चुनाव ड्यूटी से बचने अगर बीमारी का प्रमाण पत्र लगाया तो तत्काल जाँच होगी

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने सीएमएचओ को लिखा पत्र, मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-19 08:19 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

निर्वाचन कार्य के लिए हजारों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। इसमें राज्य सरकार के साथ ही केन्द्र सरकार के भी कई विभागों के कर्मचारियाें और अधिकारियों का सहयोग लिया जा रहा है। इस दौरान देखने में आ रहा है कि बहुत से कर्मचारी और अधिकारी बीमारियों का हवाला देकर ड्यूटी से मुक्त रहना चाह रहे हैं। इनमें कौन जायज है और कौन केवल बहानेबाजी कर रहा है, इसकी जाँच के लिए मेडिकल बोर्ड बनाया जा रहा है। ड्यूटी रद्द करने का आवेदन आने पर कर्मचारी को मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होना पड़ेगा, जिसमें सम्पूर्ण जाँच होगी और उसके बाद बोर्ड तय करेगा कि कर्मचारी-अधिकारी चुनाव ड्यूटी करने लायक है या नहीं। हर चुनाव में कर्मचारियों और अधिकारियों की चुनाव ड्यूटी लगती है, क्योंकि चुनाव इन्हीं के दम पर कराए जाते हैं। चूँकि चुनाव आयोग के पास खुद के कर्मचारी और अधिकारी इतनी संख्या में नहीं हैं कि वे खुद ही चुनाव करा सकें, इसलिए सभी की मदद ली जाती है। ऐसे में सबसे आसान बहाना बीमारियों का होता है। बीपी, शुगर, माइग्रेन सहित कई अन्य बीमारियों का हवाला देकर कर्मचारी और अधिकारी चुनाव ड्यूटी से बचने के रास्ते तलाश रहे हैं। ऐसे में उप जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र भेजा गया है, जिसमें निर्वाचन कार्य में लगाए जाने वाले कर्मचारियाें के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु मेडिकल बोर्ड बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिन भी कर्मचारियों का बीमारियों के कारण चुनाव ड्यूटी से हटाए जाने का आवेदन आएगा, उन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होना पड़ेगा, फिर बोर्ड में शामिल चिकित्सक ही तय करेंगे कि उनसे ड्यूटी कराई जानी चाहिए या नहीं।

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