जबलपुर: नालों के पानी का हो ट्रीटमेंट, तो पाॅल्यूशन लोड घटेगा
- सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में और गति की जरूरत, दिल्ली की टीम ने जाने हाल
- ग्वारीघाट और सिद्धघाट क्षेत्र का निरीक्षण करती टीम, इस दौरान पानी के सैम्पल भी लिए।
- नर्मदा के बहते जल का जो क्वालिटी चैक किया जा रहा है उसमें जल अब भी ए कैटेगरी का है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पर्यावरण वन मंत्रालय दिल्ली और अर्बन अफेयर मिनिस्ट्री के साथ ही पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड की टीम ने नर्मदा तट पर बन चुके और बन रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का बुधवार को निरीक्षण किया।
इस निरीक्षण में दिल्ली और भोपाल से आये सदस्यों ने देखा कि किस तरह से नालों के पानी को रोककर उनका ट्रीटमेंट करने की कोशिश की जा रही है। टीम के सदस्यों ने इस दिशा में और सुधार और जल्द प्रोसेस पूरी करने के लिए कहा है। वैसे टीम अपनी रिपोर्ट पर्यावरण मंत्रालय को देगी।
एनजीटी के डायरेक्शन पर प्रदेश के प्रमुख शहरों में यह टीम दौरा कर रही है। जबलपुर में बुधवार को ग्वारीघाट, सिद्धघाट, ललपुर और तिलवारा तट का निरीक्षण किया गया। पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि नर्मदा के बहते जल का जो क्वालिटी चैक किया जा रहा है उसमें जल अब भी ए कैटेगरी का है।
यदि नालों का पानी जो नर्मदा तक आ रहा है उनका सही तरीकों से ट्रीटमेंट किया जा सके तो बहते जल में प्रदूषण का भार घटेगा, इससे जल की गुणवत्ता और बेहतर हाे सकेगी। टीम में पर्यावरण वन मंत्रालय दिल्ली से विश्वबंधु मीणा, अर्बन अफेयर से रमाकांत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के जोन अधिकारी पी जगन, वैज्ञानिक वायके सक्सेना और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी आलोक जैन शामिल रहे। यह टीम शाम को रीवा के लिए रवाना हो गई।