जबलपुर: हाईकोर्ट ने कहा विस्थापन योजना के सभी लाभ प्रदान करें
दाखिली रजिस्टर में अदालत ने पाईं गड़बड़ियां, युवती को माना हकदार
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दाखिली रजिस्टर में व्यापक छेड़छाड़ पाते हुए युवती को बालिग मानते हुए उसे विस्थापन योजना के सभी लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने जिला स्तरीय नौरादेही विस्थापन समिति के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें याचिकाकर्ता की पुत्री को नाबालिग मानते हुए उसे अपात्र बताते हुए दावा खारिज कर दिया था। दमोह निवासी रूप सिंह यादव की ओर से अधिवक्ता सचिन पांडेय ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि उसकी पुत्री राम लक्ष्मी यादव ने विस्थापन योजना का लाभ लेने आवेदन किया था। एसडीओ तेंदूखेड़ा ने उसकी आयु 18 वर्ष से कम मानते हुए उसे अपात्र घोषित कर दिया था। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर एसडीओ ने शासकीय प्राथमिक शाला का दाखिल खारिज रजिस्टर पेश किया गया। रजिस्टर का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि उसमें जन्म तारीख और माता-पिता के विवरण में कई जगह छेड़छाड़ की गई है। कोर्ट ने कहा कि जो संशोधन किया गया है, उसमें संबंधित अधिकारी के काउंटर साइन भी नहीं हैं। कोर्ट ने समिति को आदेश दिए कि याचिकाकर्ता की पुत्री को बालिग मानकर उसका नाम जोड़ा जाए और उसे सभी लाभ प्रदान किए जाएँ।