जबलपुर: नौकरी का झाँसा देकर भेजा मलेशिया, जैसे तैसे भागकर आए युवक ने बताई आप बीती
- पीड़ित युवक ने गोहलपुर थाने में दर्ज कराई शिकायत, कहा- अब भी कई युवक वहीं फँसे
- जबलपुर के एजेंटों से उक्त व्यक्ति ने बातचीत की तो 3 दिन के भीतर मेडिकल होने की जानकारी दी गई।
- इनके द्वारा अन्य कई युवाओं को भी मलेशिया भेजा गया है और वहाँ वे संकट में हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बेराेजगार युवकों को नौकरी का झाँसा देकर विदेश भेजने का गोरखधंधा प्रकाश में आया है। हाल ही में मलेशिया से भागकर आए युवक ने पूरी आप बीती पुलिस को सुनाई है।
शिकायत में उसने उल्लेख किया है कि शहर में इस तरह का एक गिरोह काम कर रहा है, जो नौकरी की तलाश में भटक रहे युवाओं को अपने जाल में फँसाता है और उन्हें विदेश भेज देता है। वहाँ न तो जॉब मिलता है और न ही कोई सुरक्षा...। हालात ये हो जाते हैं कि कई-कई दिनों तक वहाँ भूखे रहना पड़ता है।
गिरोह के संपर्क देश के साथ पाकिस्तान तक फैले हुए हैं। इनके द्वारा अन्य कई युवाओं को भी मलेशिया भेजा गया है और वहाँ वे संकट में हैं। गोहलपुर थाने में दी शिकायत में अंसार नगर चौपड़ा रद्दी चौकी गोहलपुर निवासी 21 वर्षीय मो. इमरान अंसारी ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व उसे जानकारी मिली थी कि बेनीसिंह की तलैया निवासी 2 युवकों द्वारा विदेश में नौकरी के लिए भिजवाया जाता है। वे उन दोनों से मिले।
उन्होंने इमरान को झाँसा दिया कि मलेशिया की एक कार्गो कंपनी में 8 घंटे का जॉब उन्हें मिल सकता है। वेतन के रूप में 45 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। लेकिन बैंकाॅक के रास्ते मलेशिया पहुँचाने और वहाँ पर ठहरने व खाने-पीने का इंतजाम करने के एवज में 90 हजार रुपए देने पड़ेंगे।
पहुँचे तो होटल में बुकिंग ही नहीं |
पीड़ित मो. इमरान ने बताया कि 90 हजार रुपए देने पर बीते 23 मार्च को उसे ट्रेन से मुंबई भिजवाया गया। जहाँ उसे 2 कश्मीर एवं 2 बिहार में रहने वाले युवक मिले। 25 मार्च को फ्लाइट से वे बैंकाॅक पहँुचे तो उन्हें बताया गया कि बैंकॉक में होटल केकेआर में ठहरने की पूरी व्यवस्था है। जब वे और कुछ अन्य युवक भी होटल पहँुचे तो उन्हें बताया गया कि उनके नाम की कोई बुकिंग वहाँ नहीं है।
18 हजार लेकर पार कराया बाॅर्डर
होटल में रुकने के दौरान पाकिस्तान निवासी एक एजेंट ने फोन कर आगे जाने संबंधी बात की। ट्रेन से आगे पहुँचने पर उन्हें एक व्यक्ति मिला जो कि 18 हजार रुपए लेकर बॉर्डर पार करवाता था। राशि देने के बाद नाव के जरिए बेराेजगारों को आगे पहुँचाया और वहाँ से बस से वे लोग मलेशिया पहुँच गए। मलेशिया के जोहर-बारू नामक जगह पहुँचने पर उनका पासपोर्ट छीन लिया गया।
जब जबलपुर के एजेंटों से उक्त व्यक्ति ने बातचीत की तो 3 दिन के भीतर मेडिकल होने की जानकारी दी गई। मेडिकल तो हुआ लेकिन 1 सप्ताह बाद काम मिलने की बात कही गई लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली।
न पासपोर्ट वापस मिला और न ही रकम
इमरान का आरोप है कि करीब 4 महीनों तक आग्रह करने के बावजूद उसका पासपोर्ट वापस नहीं किया गया। परिजनों ने जब 50 हजार रुपए भेजे तब मलेेशिया स्थित इंडियन एम्बेसी से उन्होंने 19 जुलाई को वाइट पासपोर्ट बनवाया और शहर वापस आ सका।
लेकिन अभी तक पाकिस्तान निवासी उक्त एजेंट ने न तो उनका पासपोर्ट वापस किया और न ही शहर से मलेशिया भेजने वाले लोग उनकी रकम ही वापस कर रहे हैं। उनके अनुसार शहर के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों के बेरोजगार युवकों से उक्त एजेंट्स द्वारा लगातार उगाही कर विदेश पहुँचाकर ठगी की जा रही है।