जबलपुर: आधा किलोमीटर की सड़क लाखों की आबादी के लिए बनी मुसीबत
- ननि सालों की प्रोसेस में भी चलने लायक नहीं बना पाया सुधार के नाम पर गिट्टी बिखेर दी अब इसमें गिरकर घायल हो रहे लोग
- लिंक रोड की सड़क पश्चिमी हिस्से को मध्य हिस्से से जोड़ती है।
- इस रोड का एक हिस्सा केबल स्टे ब्रिज के रैंप निर्माण की भेंट चढ़ गया है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मदन महल स्नेह नगर लिंक रोड की हालत मानसून सीजन में एकदम दर्दनाक हो चली है। इस रोड पर चलने के दौरान आदमी ऐसा महसूस करता है जैसे किसी खेत में कार या मोटर साइकिल दौड़ा रहा है।
अंडर ब्रिज की ओर से जैसे आदमी लिंक रोड के लिए आगे बढ़ता है तो एक-एक पग भारी होता है। इसमें गड्ढों के साथ अभी बारिश में गिट्टी के साथ डगर फिसलन भरी भी है। गिट्टी-मिट्टी और उसमें भरा पानी वाहन चालक की अच्छी खासी परीक्षा लेता है। करीब आधा किलोमीटर के हिस्से की स्थिति यह बनी है कि लाखों की आबादी के लिए मुसीबत साबित हो रहा है।
लोगों का कहना है कि नगर निगम ने इस लिंक रोड पर बीते दो से तीन सालों से थिगड़े तक नहीं लगाए जिससे ऐसे हालत बने हैं। रेलवे से समन्वय न बना पाने का खामियाजा जनता भुगत रही है।
कितना उपयोगी है यह मार्ग
लिंक रोड की सड़क पश्चिमी हिस्से को मध्य हिस्से से जोड़ती है। जो आदमी देवताल मदन महल और छोटी लाइन फाटक वाले हिस्से से नहीं जाना चाहता है वह लिंक रोड के हिस्से से आता है।
इसी तरह रानीताल की ओर से न जाकर लिंक रोड से बीच का मार्ग अपनाकर मध्य हिस्से में आवागमन होता है। रेलवे स्टेशन, कोचिंग संस्थान, ऑफिस, रिहायशी इलाके कई तरह से लिंक रोड उपयोगी मार्ग है पर अभी दयनीय दशा में है।
चौराहे पर घायल हो रहे वाहन चालक
लिंक रोड से पहले ही मदन महल थाना चौक पर पूरी सड़क को फ्लाईओवर निर्माण के चलते बीते 4 सालों से तबाह और बर्बाद कर दिया गया है। यह फ्लाईओवर निर्माण में अकेला ऐसा हिस्सा ऐसा है जिसको कभी चलने के लायक बनाये नहीं रखा गया।
अभी इस चौराहे पर दिन में कई बारी गड्ढों की वजह से वाहन चालक गिरकर घायल हो रहे हैं। चौराहे के गड्ढे किस हद तक खतरनाक हैं इसको इसी से समझा जा सकता है कि इसमें कार तक बहककर चलती है।
मानसून सीजन के इस सीजन में आसपास के आधा से एक किलोमीटर का इलाका रोड विहीन हो गया है। सड़क पर डामर गायब है, गड्ढे और उसमें भरा पानी लोगों के लिए आफत बना हुआ है।