फर्जीवाड़ा: फर्जी वसीयत बनवाकर दूसरे की जमीन हड़पी फिर किया उसका सौदा, तहसीलदार गिरफ्तार

  • मिली भगत से की गई जालसाजी अधिकारियों समेत 7 पर मामला दर्ज
  • जाँच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-13 11:45 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। विजय नगर थाने में ग्राम रैगवाँ स्थित बेशकीमती एक हेक्टेयर जमीन की फर्जी वसीयत तैयार करने के बाद उस जमीन को बेचे जाने की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

जाँच में पता चला कि अधारताल तहसील में एक पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर ने फर्जी वसीयत तैयार कर जमीन अपने पिता के नाम करा ली। इस फर्जीवाड़े में तहसीलदार और पटवारी तक शामिल रहे। पुलिस ने तहसीलदार व पटवारी समेत 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में देर शाम तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मॉडल टाउन निवासी शिवचरण पांडे के पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगवाँ में एक हेक्टेयर जमीन थी। महावीर पांडे की मौत के बाद शिवचरण का नाम दस्तावेजों में दर्ज हुआ, लेकिन आठ अगस्त 2023 को एकाएक शिवचरण का नाम खसरा समेत अन्य दस्तावेजों से हटा दिया गया।

जिस पर शिवचरण ने मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की थी। शिकायत की जाँच की गयी तो पता चला कि उक्त जमीन तहसील कार्यालय में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे और पटवारी जागेंद्र पिपरे के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा।

महावीर के नाम की फर्जी वसीयत तैयार की गयी, जिसमें उन्होेंने पूरी जमीन का नामांतरण अपने पिता श्याम नारायण पांडे के नाम पर करा लिया। उस वक्त श्याम नारायण कलेक्ट्रेट कार्यालय में ड्राइवर के पद पर पदस्थ रहे।

श्याम नारायण की मौत के बाद तहसीलदार कार्यालय से दीपा ने 26 जून 2024 को एक आदेश पारित कराया और जमीन अपने व अपने भाई रविशंकर और अजय के नाम पर दर्ज करा ली। दीपा ने बिना देर किए जमीन का सौदा किया।

यह जमीन उसने करमेता निवासी हर्ष पटेल और विजय नगर एकता नगर निवासी अमिता पाठक को बेच दी। इस पूरे मामले में गवाह गनाराम चौकसे, गढ़ा पुरवा निवासी रामेती बाई और चेरीताल निवासी प्यारी बाई को बनाया गया था। जाँच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

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