जबलपुर: मनमर्जी से बाँटे खान-पान के लाइसेंस, गुणवत्ता की अनदेखी
- स्टेशन तक सप्लाई हो रही खाद्य सामग्री की जाँच करने कोई सिस्टम नहीं, यात्रियों तक पहुँच रही सामग्री
- स्टेशनों पर खाद्य सामग्री की जाँच का सिस्टम बनाया जाए तो अवैध वेंडरों पर भी रोक लग सकती है।
- यात्रियों की सुरक्षा से इससे बड़ा खिलवाड़ और क्या हो सकता है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रेलवे द्वारा लगातार यात्री सुविधा बढ़ाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही जा रही है मगर स्टेशन तक बिना क्वालिटी की जाँच किए पहुँच रही खान-पान की सामग्री से यात्रियों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
यहाँ तक कि बिना पैक्ड खाद्य सामग्री के निर्माण से लेकर उसके स्टेशन तक पहुँचने के बाद भी उसकी क्वालिटी की जाँच करने रेलवे के पास न तो कई सिस्टम है और न ही अधिकारी तैनात रहता है, जिसके चलते अवैध रूप से जो भी खाद्य सामग्री स्टेशन पर आ रही है वह सीधे यात्रियों के हाथ तक पहुँच रही है।
यात्रियों की सुरक्षा से इससे बड़ा खिलवाड़ और क्या हो सकता है। सवाल तो आईआरसीटीसी द्वारा रेवड़ी की तरह बाँटे गए खान-पान विक्रय लाइसेंस को लेकर भी उठ रहे हैं। इनके द्वारा बड़ी संख्या में स्टेशन पर खाद्य सामग्री विक्रय के लाइसेंस तो जारी कर दिए गए मगर इस बात की जाँच नहीं की जाती है कि खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता कैसी है।
लंबी दूरी की ट्रेनों का इंतजार
सूत्रों की मानें तो सबसे ज्यादा खान-पान की सामग्री लंबी दूरी की ट्रेनों में खपाई जा रही है। लंबी दूरी से जब कोई ट्रेन आती है तो यात्री इस बात का इंतजार करते हैं कि जैसे ही कोई बड़ा स्टेशन आएगा तो खाद्य सामग्री ली जाएगी। वहीं वेंडरों को भी ऐसी ही ट्रेन का इंतजार होता है।
ऐसी ट्रेन जब स्टेशन पर पहुँचती है तो भीड़ की शक्ल में यात्री खाद्य सामग्री लेने उतरते हैं और वेंडर भी उन्हें अपने हिसाब से खाद्य सामग्री पकड़ाकर आगे बढ़ जाते हैं। इस दौरान न तो वजन देखा जाता है और न क्वालिटी ही परखी जाती है।
स्टेशन पर होना चाहिए जाँच
जानकारों का कहना है कि स्टेशन पर पहुँचने वाली खाद्य सामग्री में समोसा, आलूबंडा, जलेबी, भजिया के अलावा भोजन तक कहाँ बन रहा है यह किसी को ज्ञात नहीं होता है।
कई वेंडरों ने स्टेशनों के आसपास की होटलों से संपर्क बना रखा है जो कम दामों में यह सामग्री उपलब्ध करा देते हैं और ट्रेन आने के कुछ समय पहले खाद्य सामग्री स्टेशन तक पहुँच जाती है। स्टेशनों पर खाद्य सामग्री की जाँच का सिस्टम बनाया जाए तो अवैध वेंडरों पर भी रोक लग सकती है।