जबलपुर: भेड़ाघाट में बाढ़, सुबह नींद खुली तब तक धुआँधार में बह चुकी थीं कई शिल्पकारों की पेटियाँ और सामान
- सम हुआ जलप्रपात, तिलवारा में पुराने पुल तक आया पानी, प्रशासन ने दी तटों से दूर रहने की चेतावनी
- लगातार हो रही बारिश के कारण तिलवाराघाट के पुराने पुल तक पानी पहुँच गया है।
- लगातार हो रही बारिश के चलते गौर नदी में बाढ़ आ गयी।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बरगी डैम के गेट खुले बिना नर्मदा में अचानक पानी बढ़ने से हुए नुकसान का आँकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को गौरीघाट और उमाघाट में तखत और पेटियाँ बहने का मामला सामने आया था। इसी तरह धुआँधार में भी 50 से अधिक शिल्पकारों की पेटियाँ बह गईं। पेटियों में संगमरमर की मूर्तियाँ, चूड़ियाँ और अन्य सामग्रियाँ रखी हुई थीं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि लोग घाटों के पास न जाएँ।
शिल्पकारों का कहना है कि वे धुआँधार के पास दुकानें लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं। एक दिन पहले तक सब कुछ सामान्य था, धुआँधार के किनारे वे अपनी पेटियाँ रखकर घर चले गए थे। अगली सुबह जब वे पहुँचे तो यहाँ का पूरा मंजर ही बदला हुआ था। नर्मदा में आई अचानक बाढ़ से उनकी पेटियाँ बह चुकी थीं।
उनका कहना है कि बरगी डैम के गेट खुलने पर ही नर्मदा का जलस्तर बढ़ता है। डैम के गेट खुलने के पहले इसकी सूचना दे दी जाती थी। इससे वे लोग अपनी पेटियाँ सुरक्षित स्थानों पर ले जाते थे। इससे नुकसान नहीं होता था। पहली बार ऐसा हुआ है कि अचानक नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया। शिल्पकारों ने प्रशासन से नुकसान के लिए आर्थिक सहयोग करने की माँग की है।
तिलवाराघाट के पुराने पुल तक पहुँचा पानी
लगातार हो रही बारिश के कारण तिलवाराघाट के पुराने पुल तक पानी पहुँच गया है। नर्मदा का पानी कभी भी पुराने पुल के ऊपर आ सकता है। प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि पुराने पुल पर न जाएँ।
घट रहा सहायक नदियों का जलस्तर
जानकारों का कहना है कि नर्मदा की सहायक नदी गौर और टेमर के जलग्रहण क्षेत्र में दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। इसके कारण गौर और टेमर का जलस्तर बढ़ गया। इसके चलते अचानक नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया। जिसके कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए। अब धीरे-धीरे सहायक नदियों का जलस्तर घट रहा है।
खेत हुए तर, पानी रुकने की जगह नहीं
जानकारों का कहना है कि इस समय ज्यादातर खेतों में मूँग और उड़द की फसल लगी हुई है। खेतों में पहले से पानी भरा हुआ है। इनमें बारिश का पानी भरने की जगह नहीं है। इसके कारण बारिश का पानी नदियों में आ रहा है।
गौर नदी उफनाई, खेत में फँसे 11 लोगों को मुश्किल से निकाला
लगातार हो रही बारिश के चलते गौर नदी में बाढ़ आ गयी। नदी में जलस्तर बढ़ने से आसपास के कई गाँवों में पानी भर गया। इसी तरह बरेला के ग्राम घुघरी में एक खेत में टपरिया बनाकर रहने वाले एक ही परिवार की दो महिला, 2 बच्चे समेत 11 लोग पानी में घिर गये थे। ग्रामीणों की सूचना पर एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुँचकर रेस्क्यू करते हुए सभी को सुरक्षित बचा लिया।
इस संबंध में एसडीआरएफ के एएसआई रामजी चौधरी ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के चलते गौर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और आसपास के कई गाँवों में पानी भर गया है। गौर नदी उफनाने से बरेला से सटे गाँव घुघरी में नदी का पानी भर गया जिससे लोगों का आवागमन बंद हो गया।
ग्रामीणों द्वारा सूचना दी गयी कि गाँव के बाहरी हिस्से में एक खेत में टपरिया बनाकर एक ही परिवार के 11 लोग रहते हैं, जो कि चारों तरफ से पानी से घिर गये हैं। सूचना मिलने पर रेस्क्यू दस्ते ने मौके पर पहुँचकर कड़ी मशक्कत के पश्चात करीब 8 घंटे के बाद मोटरबोट की मदद से सभी लोगों को टपरिया से बाहर निकालकर करीब 10 किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया।
सावन की रिमझिम बरसात जारी मौसम में घुली हल्की ठंडक
जबलपुर समेत संभाग के बाकी हिस्सों में सावन की रिमझिम जारी है। सोमवार से शुरू हुआ सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा, हालांकि बीते दिनों के मुकाबले तीव्रता कम रही। बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक कुल 13.2 एमएम पानी गिरा।
जिसके बाद अब शहर में 523.4 एमएम यानी कि 20.6 इंच बारिश हो चुकी है। लगातार बारिश से अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखने मिली है। बुधवार को अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 4 डिग्री कम था, वहीं न्यनतम तापमान 24 डिग्री रहा, जो कि सामान्य था।
मौसम में हल्की ठंडक घुलने से गर्मी से राहत मिली है। एक्सपर्ट के अनुसार शहर में जो बारिश हो रही है उसकी वजह यह है कि छग के बाद झारखण्ड के ऊपर एक चक्रवात का असर है। शहर के आसपास अभी पश्चिमी हवा सक्रिय है। अगले 24 घंटों में संभाग के अनेक जिलों में गरज-चमक के साथ बरसात की संभावना है।