जबलपुर: नई सरकार के गठन के बाद लेना होगा वित्तीय अनुमोदन, रेल पाँतों का हिस्सा रेलवे खुद बनाएगा
- छह माह की प्रक्रिया में ब्रिज का निर्माण स्वीकृति के बाद अटक गया मामला
- अब नए साल में बनना शुरू हो पाएगा सगड़ा रेल ब्रिज
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
सगड़ा रेल ब्रिज अब नए साल में ही बनना आरंभ हो सकता है। लोक निर्माण विभाग इस सेतु निर्माण का वित्तीय अनुमोदन अब तक वित्त विभाग से नहीं ले सका है। बीते छह माह से इसकी फाइल भोपाल में अटकी है जिससे 58 करोड़ का बजट मिलने के बाद भी इसका फाइनल वित्तीय अनुमाेदन अब तक नहीं हो सका है। इस वजह से यह टेण्डर प्रक्रिया में नहीं आ सका है।
गौरतलब है कि बीते साल इस उपयोगी रेल ब्रिज के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसमें ब्रिज के निर्माण संबंधी प्रक्रिया में यही तय हो सका है कि सवा किलोमीटर के ब्रिज में से बीच का 125 मीटर रेल पाँतों के ऊपर का हिस्सा रेलवे खुद बनाएगा। शेष हिस्सा लोक निर्माण सेतु बनाएगा। जानकारों का कहना है कि सभी तरह की प्रक्रियाओं के बाद इसका निर्माण शुरू होने में 3 से 4 माह का वक्त लगेगा। विभाग के ईई नरेन्द्र शर्मा कहते हैं कि इसका इंतजार किया जा रहा है कि इस रेल ब्रिज को वित्तीय अनुमोदन मिल सके। यहाँ से प्रक्रिया को पूरा कर भोपाल भेज दिया गया है। उम्मीद है कि पूरी प्रक्रिया जल्द हो सकेगी।
इसलिए स्वीकृत किया गया यह ब्रिज
सगड़ा रेल ब्रिज केवल सगड़ा रेलवे क्राॅसिंग के लिहाज से नहीं बनाया जा रहा है। इस हिस्से में हाईवे का जो लम्हेटा चौराहा है वहाँ दोनों हिस्सों में होने वाले हादसों के चलते भी इस सेतु के निर्माण की माँग सालों से की जा रही है। सोमवार को भी दिन में इस हिस्से में एक हादसा हुआ। इस लम्हेटा हाईवे चौराहे पर चार अलग-अलग हिस्सों से आने वाले वाहन भ्रमित होकर दुर्घटना का शिकार होते हैं। सड़क फोरलेन नहीं थी तो ट्रैफिक कुछ धीमा था लेकिन फोरलेन बनने के बाद सगड़ा की ओर से जाने वाले वाहन, इसी तरह तिलवारा, लम्हेटा और अंधमूक चौराहे की ओर से आने वाले वाहन चौराहे पर बेहद सावधानी के साथ निकलते हैं, इसमें थोड़ी नजर हटी तो चौराहे पर हादसा हो जाता है।
इस तरह बनना है यह ब्रिज
सगड़ा रेलवे फाटक के पहले से
हाईवे को क्राॅस करते हुए कुल 1200 मीटर
इसकी निर्माण लागत 58 करोड़ रुपए
इसमें ऊपरी हिस्से में 40 फीट सड़क होगी
तीन विभागों के समन्वय से बन सकेगा
रेलवे, लोक निर्माण और एनएचएआई