जबलपुर: सेप्टिक टैंक के पुराने विवाद के चलते दर्ज कराई थी झूठी रिपोर्ट

  • झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाना पूरी तरह दुर्भावना से प्रेरित
  • पुलिस ने मामले में ठीक से जाँच नहीं की
  • परिवार ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करा दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-13 12:10 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश अभिलाषा एन मवार की अदालत ने एक मामले में कहा कि सेप्टिक टैंक के पुराने विवाद के चलते झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाना पूरी तरह दुर्भावना से प्रेरित है। पुलिस ने भी इस मामले में ठीक से जाँच नहीं की और चालान पेश कर दिया।

इस मत के साथ कोर्ट ने आरोपी जबलपुर निवासी रोहित हिरकने को राहत दे दी। आरोपी की ओर से अधिवक्ता राजेश यादव ने दलील दी कि जिसके द्वारा उनके पक्षकार पर दोषारोपण किया गया वह वयस्क युवती है।

उसके अन्य व्यक्ति के साथ प्रेम संबंध बने थे। लिहाजा, उसकी सहमति के बिना जबरदस्ती का आरोप झूठा है। इसके अतिरिक्त दोनों परिवारों के बीच सेप्टिक टैंक को लेकर विवाद चल रहा था। हकीकत यह है कि जिसने आरोप लगाया वह किसी अन्य युवक के साथ भाग गई थी। इसी दौरान उसके परिवार ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करा दिया।

अदालत ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद अपने फैसले में साफ किया कि अभियोजन संदेह से परे आरोप प्रमाणित करने में असफल रहा है।

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