बिजली विभाग: सालों से इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई जीरो, टेलीकॉम प्रबंधन का दावा, हमारी दोनों फैक्ट्रियाँ चालू
- टेलीकॉम फैक्ट्रियों के दावे का उद्योग विभाग भी कर चुका है खण्डन
- फैक्ट्रियों की 154 एकड़ जमीन लावारिस पड़ी
- बिजली आपूर्ति के अनुसार दोनों ही फैक्ट्रियों की बिजली सप्लाई सालों से बंद है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। एक ओर रिकॉर्ड में जबलपुर की दोनों टेलीकॉम फैक्ट्रियों को चालू बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत में ये दोनों ही फैक्ट्रियाँ सालों से बंद पड़ी हुई हैं। बिजली विभाग के रिकॉर्ड को देखने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है।
बिजली आपूर्ति के अनुसार दोनों ही फैक्ट्रियों की बिजली सप्लाई सालों से बंद है। बिजली की आपूर्ति केवल कनेक्शन को चालू रखने के लिए न्यूनतम चार्ज पर बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि सैकड़ों एकड़ में फैली दोनों फैक्ट्रियों की जमीन उजाड़ हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार टेलीकॉम फैक्ट्रियों द्वारा चालू होने की स्थिति में बहुत अधिक बिजली की डिमांड रहती थी लेकिन जब से फैक्ट्रियाँ बंद हैं तभी से यहाँ पर बिजली की डिमांड खत्म हो गई है।
बताया जाता है कि राइट टाउन फैक्ट्री की काॅन्ट्रेक्ट डिमांड 300 केवीए थी जबकि लोड मात्र 40 केवी से भी कम है। इसी तरह रिछाई फैक्ट्री की काॅन्ट्रेक्ट डिमांड 100 केवीए थी जबकि यहाँ पर भी 50 केवी से कम डिमांड बनी हुई है। इतनी बिजली फैक्ट्री में लगीं स्ट्रीट लाइट्स और टाॅवरों में खर्च हो सकती है।
उद्योग विभाग भी फैक्ट्रियों को बता चुका है बंद
जानकारों की राय है कि टेलीकॉम फैक्ट्रियों की जमीन मध्यप्रदेश सरकार को सौंप दी जानी चाहिए, ताकि जबलपुर विकास पथ पर आगे बढ़ सके। उद्योग विभाग भी टेलीकॉम प्रबंधन के उस दावे का खण्डन कर चुका है, जिसमें कहा गया था कि फैक्ट्रियाँ विधिवत काम कर रही हैं।
दरअसल, उद्योग विभाग ने अपनी जाँच-पड़ताल में पाया था कि फैक्ट्रियाँ सालों से काम नहीं कर रही हैं। अब इस झूठे दावे के पीछे कम्पनी की क्या सोच है, यह बड़ा सवाल है। उल्लेखनीय है कि रिछाई (84 एकड़) व गेट नम्बर दो स्थित टेलीकॉम फैक्ट्री (70 एकड़) की जमीन को लेकर अब जनता मुखर हो रही है।
फैक्ट्रियों में सालों से नो वर्किंग
दोनों ही फैक्ट्रियों में सालों से कामकाज ठप पड़ा हुआ है। यहाँ तक कि वर्कर्स के क्वार्टर भी खण्डहर हो चुके हैं। लंबे अरसे से कैम्पस में गतिविधियाँ न होने से बड़ा जंगल उग आया है। हैरत की बात है कि अब तक विभाग ने इस जमीन और फैक्ट्रियों की सम्पत्तियों की कोई सुध नहीं ली। इसे लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब नहीं दिया जा रहा है।
न्यूनतम चार्ज का हो रहा बिल भुगतान
टेलीकॉम फैक्ट्रियों का कन्सम्शन बहुत कम है। रिछाई और राइट टाउन स्थित फैक्ट्रियों में लंबे समय से बिजली आपूर्ति बहुत कम है तथा न्यूनतम चार्ज का भुगतान किया जा रहा है। राइट टाउन में पहले रहवासी क्वार्टरों में लोग रहते थे अब अधिकांश क्वार्टर खाली होने से बिजली सप्लाई बंद जैसी है।
- संजय अरोरा, अधीक्षण यंत्री, सिटी सर्किल, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी