15 की जगह अब 10 दिन में ही करना होगा बिजली बिल का भुगतान
बिजली कंपनियाँ कर रहीं बिलिंग सॉफ्टवेयर में मनमानी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सहित अन्य वितरण कंपनियों द्वारा बिलिंग सॉफ्टवेयर में मनमानी करते हुए नियम के विरुद्ध संशोधन कर लिया गया है। इसके चलते लोगों के बिजली बिल भुगतान करने के दिनों में कटौती कर दी गई है। लोगों के बिल के भुगतान का समय पाँच दिन कम कर दिया गया है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। जानकारी के अनुसार मप्र इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड 2021 की कंडिका 9.4 के अनुसार बिजली बिल जारी करने की तिथि से 15 दिन के अंदर उपभोक्ताओं को बिल का भुगतान करना होता था, उसके स्थान पर अब यह 10 दिन कर दिया गया है। विद्युत कंपनियों ने मनमाने ढंग से भुगतान करने की अवधि 15 दिन से घटाकर 10 दिन कर ली है। बताया जाता है कि इसके लिए न तो मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से कोई अनुमति ली गई और न ही संशोधन कराया गया। राजस्व वसूली को मुद्दा बनाकर बिजली कंपनी उपभोक्ताओं की पुरानी सुविधाओं से मनमाने तरीके से छेड़छाड़ कर रही है। इससे बिजली उपभोक्ताओं के हितों पर प्रहार हो रहा है।
सिटीजन चार्टर का नहीं हो रहा पालन
बताया जाता है कि विद्युत कंपनियाँ सिटीजन चार्टर का पालन नहीं कर रही हैं। बिल वसूलने में नियम कानून में काफी हद तक फेरबदल किया जा रहा है। विद्युत उपभोक्ताओं को सिटीजन चार्टर के अनुसार कई सुविधाएँ मिलनी चाहिए लेकिन वे नहीं मिल रही हैं। बताया जाता है कि चार्टर के अनुसार उपभोक्ताओं को 3 दिन के अंदर नए कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। बंद हुए या ताला लगे घरों के कनेक्शनों पर लगातार बिलिंग की जा रही है।
फाॅल्ट सुधारने में लग रहे दो से तीन दिन
यही नहीं कई और सुविधाएँ भी उपभोक्ताओं को समय पर नहीं मिल रहीं। बताया जाता है कि घरों की बिजली 2 से 3 घंटे में सुधारने का नियम है, लेकिन लोगों के घरों के फाॅल्ट कई क्षेत्रों में 2 से 3 दिन तक भी नहीं सुधर पा रहे हैं। इसके कारण उपभोक्ताओं में बेहद रोष व्याप्त है।
- जब से पेपरलेस बिलिंग सुविधा शुरू हुई है तभी से बिजली जमा करने का समय 15 की जगह 10 दिन कर दिया गया है। जब बिल बड़ी संख्या में बनते थे तो मैनुअल बनते थे, तब अधिक समय दिया जाता था।
- विपिन धगट, इंजीनियर चीफ कम्प्यूटर सिस्टम