जबलपुर: बिना हॉर्न दिए कहीं से भी घुस रहे ई-रिक्शा चालक

  • रेलवे स्टेशन से लेकर बाजारों तक में बन रहे जाम का कारण
  • आरटीओ एवं ट्रैफिक पुलिस नहीं कर रही ठोस कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-09 10:10 GMT

डिजिटल डेस्क, जबलपुर।

पेट्रोल व डीजल से होने वाले प्रदूषण को कम करने केन्द्र सरकार द्वारा ई-रिक्शा संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए कम कीमतों पर ये वाहन लोगों को मुहैया कराकर विशेष छूट भी दी जा रही है, लेकिन इन्हीं रियायतों का संबंधित चालक बेजा फायदा भी उठा रहे हैं। हालात ये हैं कि किशोरवय से लेकर बड़ी आयु वाले लोग बिना हॉर्न बजाए कहीं से भी घुसकर लोगों को हादसों का शिकार बना रहे हैं। इतना ही नहीं जहाँ-तहाँ खड़े होकर ये भयावह जाम का भी सबब बन रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सिर्फ लाइसेंस और आरसी कार्ड ही जरूरी

आरटीओ सूत्रों की मानें तो मौजूदा समय में आरटीओ कार्यालय में करीब 2480 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार इन ई-रिक्शा चालकों के लिए मात्र उनका ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड ही जरूरी होता है। इसके अलावा उन्हें खाकी वर्दी पहनने, निर्धारित संख्या में सवारियों को ले जाने और रूट संबंधी किसी तरह का नियम नहीं मानना होता है। इसी के चलते शहर में 16 से लेकर 65 वर्ष तक के लोगों को आसानी के साथ ई-रिक्शा खरीदकर सड़कों पर दौड़ाते हुए देखा जा सकता है।

हादसों का बन रहे सबब

आरटीओ एवं यातायात पुलिस की उदासीनता के कारण ही मुख्य बाजारों तक घुसने वाले ई-रिक्शा भयावह जाम एवं सड़क हादसों का शिकार बन रहे हैं। बिना किसी भय के इनके चालक किसी भी दुकान के सामने झुंड लगाकर सवारियाें को बैठाने लगते हैं और यदि कोई व्यक्ति उनका विरोध करता भी है तो उनके साथ ये विवाद करने लगते हैं। इतना ही नहीं कुछ समय पूर्व ई-रिक्शा चालक द्वारा ही घमापुर चौक के पास एक वृद्ध को टक्कर मारकर मौत के घाट उतारने के अलावा एल्गिन अस्पताल आईं दो महिलाओं को भी टक्कर मारने जैसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। लेकिन इसके बावजूद ई-रिक्शा चालकों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं।

कहीं भी कर रहे खड़ा और कहीं भी दौड़ा रहे

केन्द्र सरकार के निर्देशों के कारण मजबूरीवश आरटीओ एवं ट्रैफिक पुलिस द्वारा ई-रिक्शा चालकों पर किसी तरह की कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। यही वजह है िक इनके ड्राइवर स्टेशन पर आने वाली सवारियों के साथ जहाँ झूमाझटकी करते हैं, तो वहीं शहर के बड़ा फुहारा, मिलौनीगंज, कछियाना, लार्डगंज, अधारताल, मालवीय चौक, गढ़ा आदि इलाकों में लगने वाले बाजारों तक में घुसकर दबंगता के साथ सवारियाँ बैठाते और छोड़ते हैं।

चंद दिन ही चला अभियान

सड़कों पर नियमों के विपरीत ई-रिक्शा चालकों पर कुछ दिन पहले ट्रैफिक पुलिस द्वारा धरपकड़ अभियान शुरू किया गया था। इस दौरान करीब 3 दर्जन चालकों पर चालानी कार्रवाई कर उन्हें उचित निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन जल्द ही ये अभियान भी ठंडे बस्ते में चला गया और त्योहार के समय लगातार बाजारों से लेकर आम सड़कों पर ई-रिक्शा चालकों का हुड़दंग लगातार बना हुआ है।

केन्द्र सरकार द्वारा ई-रिक्शा संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सड़कों पर पूरे नियमों के साथ इनका संचालन हो। इसके लिए हम समय-समय पर उन्हें निर्देश भी देते हैं। जागरूक करने प्रयास किए जाएँगे। शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है।

-जितेन्द्र सिंह रघुवंशी, आरटीओ

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