जबलपुर: दो पक्षों की लड़ाई से गरीबों की रोटी संकट में, सरकारी वेयर हाउसों में गेहूँ का अकाल

  • भंडारण करने के लिए मौका ही नहीं मिल रहा, यही कारण कि राशन दुकानों में हो रही किल्लत
  • कृषि उपज मंडी और रिछाई के वेयर हाउसों में गेहूँ आता है और निकल जाता है
  • गेहूँ का स्टॉक एक माह पहले ही करवा दिया जाता है, ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-10 11:04 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। संग्रहणकर्ता और नागरिक आपूर्ति निगम में चल रहे पेमेन्ट के विवाद ने अब गरीबों की रोटी पर संकट खड़ा कर दिया है। शहर की कई राशन दुकानों में राशन समय पर नहीं पहुँच पा रहा है जिससे लोग लगातार भटक रहे हैं।

कृषि उपज मंडी और रिछाई में बने सरकारी वेयर हाउसों में गेहूँ का अकाल है और यही कारण है कि राशन दुकानों को भी समय पर गेहूँ नहीं मिल पा रहा है। इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर कवायद चल रही है लेकिन फिलहाल कोई हल नहीं निकल पा रहा है।

बताया जाता है कि शहर की राशन दुकानों में सप्लाई करने के लिए गेहूँ का भंडारण मुख्य रूप से कृषि उपज मंडी और रिछाई के सरकारी वेयर हाउसों में किया जाता है। नियमानुसार सभी राशन दुकानों में अगले माह वितरित होने वाले गेहूँ का स्टॉक एक माह पहले ही करवा दिया जाता है, ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े।

यही कारण है कि वेयर हाउसों में भी स्टॉक किया जाता है। पिछले कई माह से नागरिक आपूर्ति निगम और संग्रहणकर्ताओं के बीच पेमेंट को लेकर विवाद चल रहा है जिसके कारण भंडारण नहीं हो पा रहा है।

वेयर हाउसों में 100-200 क्विंटल माल पहुँचता है और तत्काल ही राशन दुकानों के लिए रवाना कर दिया जाता है, जबकि पहले हजारों क्विंटल माल एक साथ पहुँचता था जिससे राशन दुकानों में किल्लत नहीं होती थी। इसे लेकर अधिकारी सीधे कुछ कहने से बच रहे हैं लेकिन यह तय है कि इस समस्या ने गरीबों की थाली को संकट में डाल दिया है।

अन्नदूत योजना वाले करा रहे फजीहत

सरकार ने निजी संग्रहणकर्ताओं को हटाकर अन्नदूत योजना के तहत सब्सिडी देकर नए संग्रहणकर्ता अन्नदूत तैयार कराए। अब ये सरकारी आदेश ही मानने से इनकार कर रहे हैं। जिन वर्षों का गेहूँ उठाना है यदि वह 10 किलोमीटर के दायरे में हो तो उसे उठाने का कार्य अन्नदूत को करना है लेकिन वे लोग इस आदेश को नहीं मान रहे हैं और यही कारण है िक गेहूँ का संकट पैदा हो रहा है।

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