जबलपुर: अतिक्रमणों के कारण तालाबों में नहीं पहुँच पा रहा बारिश का पानी
- हाई कोर्ट ने राज्य शासन को तीन चरणों में रिपोर्ट पेश करने दिए निर्देश
- तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किए जाने व उनके संरक्षण की माँग की गई है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि अतिक्रमण के कारण बारिश का पानी शहर के तालाबों में पहुँच नहीं पाता है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिक्रमणों के विरुद्ध कार्रवाई के सिलसिले में लापरवाही भरे रवैये पर नाराजगी जताई, साथ ही कोर्ट ने राज्य शासन को तीन चरणों में छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दे दिए।
उल्लेखलीय है कि जबलपुर स्थित माढ़ोताल व गुलौआ तालाब सहित अन्य में अतिक्रमण को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में नौ जनहित याचिकाएँ दायर की गई हैं। इनके जरिए तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किए जाने व उनके संरक्षण की माँग की गई है।
इस मामले के साथ हाई कोर्ट संज्ञान के आधार पर माढ़ोताल के अतिक्रमण मामले की भी सुनवाई कर रहा है। इस संज्ञान आधारित जनहित याचिका सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से प्रस्तुत की गई स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया था कि माढ़ोताल को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है, जो आगे भी जारी रहेगी।
विगत सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि इसी तरह के मामले राज्य के अन्य हिस्सों से भी दायर हो रहे हैं। जनहित याचिकाओं की संख्या बढ़ गई है। लिहाजा, राज्य शासन प्रदेश के जलस्रोतों की जानकारी पेश करे, साथ ही जलस्रोतों का वास्तविक रूप कायम रखने की जिम्मेदारी भी सरकार पूरी करे।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ब्रहमेंद्र पाठक, परितोष गुप्ता सहित अन्य ने पक्ष रखा।