जबलपुर: फ्लाईओवर के ऊपर बन रही दुर्घटना की नौबत डायवर्सन प्वाॅइंट लगाए लेकिन संकेतक नहीं
ऊपरी सड़क का मास्टिक एसफाल्ट उधेड़ा, नीचे के हिस्से भी डिवाइडर बनने के साथ बदहाल होने लगे
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
लोक निर्माण विभाग ने दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर का जो हिस्सा पहले तैयार कर जनता के लिए खोल दिया है, उसमें ऊपर के हिस्से में अब सुधार करने की नौबत आ गई है। ऊपरी हिस्से में कुछ हिस्से का मास्टिक एसफाल्ट यानी गोंदनुमा डामर उधेड़ा गया है और सड़क को एक हिस्से में सुधारा जा रहा है। इस तरह का कार्य अचानक क्यों करने की नौबत आई, इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि जहाँ पर चलने के दौरान वाहन को झटके लग रहे हैं, वहाँ बैलेंस किया जा रहा है। इस तरह के कार्य पर जनता सवाल तो उठा ही रही है, साथ ही इसको लेकर भी परेशान है कि जहाँ यह वर्क अचानक करना शुरू कर दिया, उसमें किसी तरह का संकेत बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। रात के वक्त फ्लाईओवर से तेजी से दौड़ता वाहन दशमेश द्वार के करीब रोटरी के पास पहुँचता है तो पता चलता है कि एक हिस्से में यहाँ सड़क ब्लॉक है। फ्लाईओवर के ऊपर पीक प्वाॅइंट पर भ्रम की स्थिति होती है और रात को चलने में परेशानी है। लोगों का कहना है कि यहाँ पर लोगों को समझने के लिए स्पष्ट संकेतक होना चाहिए, ताकि निकलने में आसानी हो।
सरफेस रफ, डिवाइडर बदहाल
इधर फ्लाईओवर के चालू वाले हिस्से में सड़क की क्वाॅलिटी पर सवाल उठाये जा रहे हैं, जो गोंदनुमा डामर लगा है, उस पर चलने के दौरान अभी सरफेस रफ है, जिससे वाहन सहजता से नहीं चलता है। नीचे के हिस्से में जो डिवाइडर बनाया जा रहा है, उसमें पौधे लगने के साथ ही उखड़ने भी लगे हैं। लाेगों का कहना है कि इस पूरे हिस्से में यदि डिवाइडर में 3 से 4 फीट की ग्रिल नहीं लगाई गई तो जो गार्डन बीच में बनाया जा रहा है, उसमें कब्जे होने से कोई नहीं रोक सकता है।
कुछ ऐसा बना है यह हिस्सा
फ्लाईओवर का पहला हिस्सा एलआईसी से महानद्दा रैंप तक आता है। इसकी लंबाई लगभग सवा किलोमीटर है। इसमें ऊपरी सड़क 12.5 मीटर यानी 41 फीट की है। इस सड़क में गोंदनुमा डामर सतह पर लगाया गया है। नीचे के हिस्से में 8 फीट का डिवाइडर, 4 फीट की नाली तो सड़क चौड़ी जगह में 32 फीट की है तो सँकरी जगह में सड़क 23 फीट की है।