जबलपुर: उखड़ गए लाखों खर्च करके लगाए गए धौलपुरी पत्थर, खूबसूरती पर लगा दाग

  • लापरवाही: सिविल लाइन्स से यूनिवर्सिटी तक बेनूर हुए डिवाइडर
  • धीरे-धीरे डिवाइडर और पौधों की देखरेख में लापरवाही की जाने लगी।
  • इसी मार्ग से वीआईपी लोगों का भी आना-जाना होता है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-27 09:07 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नगर निगम ने 10 साल पहले लाखों रुपए खर्च करके सिविल लाइन्स से लेकर यूनिवर्सिटी तक डिवाइडर पर धौलपुरी पत्थर लगाए थे। इससे पूरा क्षेत्र खूबसूरत नजर आने लगा था।

धीरे-धीरे डिवाइडर पर लगे धौलपुरी पत्थर उखड़ने लगे हैं। अभी तक न तो पत्थर बदले गए हैं, न ही पत्थरों को उखड़ने से रोकने के लिए कोई इंतजाम किए गए हैं।

इससे खूबसूरती पर दाग लग रहा है, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है।

क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि सिविल लाइन्स वीआईपी क्षेत्र है। इस क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए नगर निगम ने यहाँ पर डिवाइडर पर धौलपुरी पत्थर लगाए थे। इसके साथ ही डिवाइडर पर लगे पौधों की नियमित रूप से देखरेख की जाती थी। इससे पूरा क्षेत्र सुंदर नजर आता था।

धीरे-धीरे डिवाइडर और पौधों की देखरेख में लापरवाही की जाने लगी। इससे जगह-जगह से धौलपुरी पत्थर उखड़ने लगे। इसके बाद भी उखड़े हुए पत्थरों की जगह नए पत्थर नहीं लगाए गए।

हालत यह है कि लोग खुलेआम धौलपुरी पत्थर उखाड़ कर ले जा रहे हैं, लेकिन कोई देखरेख नहीं की जा रही है।

खराब हो रही शहर की छवि

शहर में बाहर से आने वाले प्रवासी यूनिवर्सिटी से सिविल लाइन्स होते हुए शहर में प्रवेश करते हैं। इसी मार्ग से वीआईपी लोगों का भी आना-जाना होता है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि डिवाइडर के उखड़े हुए पत्थरों की वजह से प्रवासियों में शहर के प्रति गलत छवि बन रही है।

बाहर से आने वाले लोग शहर के प्रति गलत धारणा बना रहे हैं। इसको देखते हुए जल्द ही डिवाइडर पर पत्थर लगाने चाहिए, ताकि लोगों में सकारात्मक छवि बन सके।

सिविल लाइन्स से यूनिवर्सिटी तक बनाए गए डिवाइडर से धौलपुरी पत्थर उखड़ने के मामले में जल्द ही प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

अजय शर्मा, अधीक्षण

यंत्री नगर निगम

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