जबलपुर: बच्चाें के साथ बड़ों में भी डिहाइड्रेशन और पीलिया, मरीज बढ़े

  • जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 700 मरीज, चिकित्सक दे रहे गर्मी से बचने की सलाह
  • मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के भी लगभग यही हाल हैं।
  • चिकित्सकों के अनुसार मौसम के मिजाज में बदलाव हो रहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-10 09:08 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गुरुवार को मौसम ने करवट जरूर ली लेकिन बीते कुछ दिनों से तेज धूप और गर्मी ने शहर में उल्टी-दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। शासकीय अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक ओपीडी में पेशेंट आम दिनों के मुकाबले अधिक पहुँच रहे हैं।

मरीजों में बच्चों की संख्या अच्छी खासी है। अकेले जिला अस्पताल में ही रोजाना 80 से 100 बच्चे ओपीडी में पहुँच रहे हैं। वहीं अस्पताल की कुल ओपीडी में लगभग 700 मरीज आ रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या डायरिया, डिहाइड्रेशन और पीलिया के पीड़ितों की है।

इसके अलावा उल्टी और बुखार से पीड़ित भी पहुँच रहे हैं। गर्मी ने तनाव के मरीज भी बढ़ा दिए हैं। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के भी लगभग यही हाल हैं। चिकित्सकों के अनुसार मौसम के मिजाज में बदलाव हो रहा है। खासतौर पर गर्मी से बचाव की जरूरत है।

गर्मी से बचाव की जरूरत

जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि बच्चा वार्ड में फिलहाल 50 प्रतिशत ऑक्यूपेेंसी है। वहीं ओपीडी में 80 से 100 बच्चे रोजाना आ रहे हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत काे भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। बच्चों में पीलिया, डायरिया, डिहाइड्रेशन और हल्के निमोनिया जैसे लक्षण देखने मिल रहे हैं। गर्मी से बचाव की जरूरत है।

मेडिसिन वार्ड में बेड फुल

जिला अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. संदीप भगत ने बताया कि वयस्कों में भी पीलिया, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियाें के मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। इसके अलावा गर्मी के चलते तनाव भी देखने मिल रहा है। ओपीडी में बीपी, दमा, हाइपरटेंशन, डायबिटीज पीड़ित भी बढ़े हैं। मेडिसिन वार्ड में सभी बेड भरे हुए हैं।

पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान

कुछ समयांतराल में बच्चों को थोड़ा-थोड़ा पानी पिलाते रहें, ताकि कमी न हो।

पानी को अच्छी तरह उबाल लें और साफ व बारीक कपड़े से छानकर पिलाएँ।

दस्त के साथ उल्टी होने पर ओआरएस का घोल पिलाते रहें।

डायरिया के लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाएँ।

घर का सादा खाना खिलाएँ, बाहर तेल व मसाले वाली चीजें खिलाने से बचें।

फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएँ, सीधी धूप से बचें।

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