जबलपुर: बारूदी सुरंगों को रौंदने के लिए सीआरपीएफ के बेड़े में 11 बख्तरबंद वाहनों की संख्या और बढ़ी

  • सरहद पर होगी तैनाती 121 एमएमपीवी के ऑर्डर का आखिरी लॉट रवाना, वीएफजे ने दिखाई हरी झण्डी
  • हाल-फिलहाल 11 एमएमपीवी को जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किया गया है।
  • एमएमपीवी के साथ ही वीएफजे से विशेषज्ञों की एक टीम भी रवाना की गई है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-22 14:09 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। भारत-पाकिस्तान सरहद वाले इलाके में मॉडिफाइड माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल्स तैनाती में पहले से और ज्यादा मजबूत होने जा रही है। वीएफजे से 11 बख्तरबंद व्हीकल को रविवार को हरी झण्डी दिखाकर जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किया गया।

121 एमएमपीवी के मौजूदा ऑर्डर का यह आखिरी लॉट बताया जा रहा है। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के जवानों के ऑपरेशन, मूवमेंट और मॉनिटरिंग के लिए सुरंगरोधी वाहनों को सबसे सुरक्षित माना जाता रहा है। यही वजह है कि भारतीय सेना के साथ-साथ सीआरपीएफ की ओर से भी इस वाहन की खासी डिमांड रही है।

फ्रंटलाइन पर तैनाती

जम्मू, लेह और लद्दाख भेजे जाएँगे

मॉडिफाइड माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल की तैनाती फ्रंट लाइन मोर्चे पर स्थित क्षेत्रों में की जानी है। जानकारों का कहना है कि मौजूदा ऑर्डर के 110 एमएमपीवी पहले ही सीआरपीएफ को सौंपे जा चुके हैं। हाल-फिलहाल 11 एमएमपीवी को जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किया गया है। सूत्रों का कहना है कि कुछ बख्तरबंद वाहन लेह-लद्दाख के लिए भी डायवर्ट होंगे।

एमएमपीवी के साथ ही वीएफजे से विशेषज्ञों की एक टीम भी रवाना की गई है। इस टीम के मेम्बर वाहनों को पूरे रास्ते में टेक्निकल सपोर्ट देंगे। टीम में फिटर, मैकेनिक से लेकर इलेक्ट्रीशियन भी शामिल किए गए हैं।

व्हीएफजे में आर्म्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के सीएमडी संजय द्विवेदी ने सभी वाहनों को हरी झण्डी दिखाई। इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक संजीव कुमार भोला भी मौजूद रहे। वहीं पुराने एमईएस भवन को आईएमएस कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित किया गया है जिसमें इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस, सिविल, हाइजीन सेल एवं यार्ड एंड स्टेट अनुभाग की स्थापना की गई है।

सीएमडी ने इसका भी उद्घाटन किया। इस दौरान फील्ड यूनिट के डीडीजी राजीव जैन, ओएफजे जीएम सुकांता सरकार, श्रीमती रचना भोला, श्रीमती सरकार, कमलेश कुमार, एके राय, आशुतोष कुमार मौजूद रहे।

खूबियाँ कई किस्म कीं

बुलेटप्रूफ ग्लास – इस व्हीकल में इस्तेमाल किए गए सभी कांच बुलेटप्रूफ हैं। जवानों को सुरक्षा के साथ बाहर निशाना लगाने की सुविधा भी दी गई है।

कम्पोजिट आर्मर - वाहन की सुरक्षा के लिए धातु, प्लास्टिक, सिरेमिक, हवा आदि के काॅम्बीनेशन से तैयार कम्पोजिट आर्मर का इस्तेमाल किया गया है। यह धातु से ज्यादा मजबूत लेकिन हल्का होता है।

जैकल आर्मर प्लेट - इससे वाहन को मूवमेंट में मदद मिलती है। पलटवार या हमले में सहायक है।

आर्म्ड प्लेट - धातु की इस प्लेट का कई ऐसे स्थानों पर उपयोग किया गया है जो वाहनों के महत्वपूर्ण या कमजोर हिस्सों को कवर करती है।

रन फ्लेट टायर सिस्टम - विस्फोट में एमएमपीवी का टायर फटने पर भी वाहन को रोकने की जरूरत नहीं। टायर फटने के बावजूद यह सिस्टम वाहन को 40 किमी तक चलाने में सक्षम है।

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