जबलपुर: मुआवजा छिपाने पर कोर्ट ने रद्द किया पति-पत्नी का निर्वाचन
पार्षद पद का निर्वाचन शून्य
डिजिटल डेस्क,सतना।
बाणसागर डूब क्षेत्र की आराजी का मुआवजा लेना और आदेश के बावजूद भी वापस नहीं करने की जानकारी नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में छिपाना अध्यक्ष दम्पति को भारी पड़ गया। अमरपाटन के प्रथम जिला न्यायाधीश दीपक शर्मा की अदालत ने जानकारी छिपाने को गंभीर मानते हुए अध्यक्ष दम्पति का निर्वाचन शून्य घोषित किए जाने का निर्णय सुनाया है और कलेक्टर सतना को निर्णय की प्रति प्रेषित कर आवश्यक कार्यवाई किए जाने का निर्देश दिया है।
दो याचिका पेश
रामनगर परिषद के वार्ड क्रमांक-2 के पार्षद पद के लिए सुनीता पटेल पत्नी रामसुशील पटेल ने नामांकन फार्म प्रस्तुत किया था और फार्म के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में जानकारियां प्रस्तुत की थी। फार्मों की संवीक्षा 26 जून 2022 को की जाकर उसी दिन चुनाव चिन्ह का आवंटन किया गया। संवीक्षा के दौरान प्रत्याशी प्रतिमा गुप्ता पत्नी संदीप गुप्ता ने आपत्ति प्रस्तुत की, जिसे अमान्य करते हुए नाम निर्देशन पत्र स्वीकार कर चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया। वहीं वार्ड क्रमांक - 11 से पार्षद पद के लिए रामसुशील पटेल ने शपथ पत्र के साथ नामांकन फार्म प्रस्तुत किया। संवीक्षा के दौरान रामभुवन पटेल की आपत्ति को दरकिनार कर इनका भी फार्म वैध करार देते हुए चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया। चुनाव के बाद दोनों प्रत्याशी पार्षद पद में विजयी हो गए और सुनीता पटेल रामनगर परिषद की अध्यक्ष भी निर्वाचित हो गई।
पार्षद पद का निर्वाचन शून्य
रामसुशील पटेल और उनकी अध्यक्ष पत्नी सुनीता पटेल के खिलाफ क्रमश: रामभुवन पटेल पिता रामकिशोर पटेल और प्रतिमा गुप्ता पत्नी संदीप गुप्ता ने चुनाव याचिका सिविल कोर्ट में प्रस्तुत किया। याचिकाकर्ता रामकिशोर पटेल ने बताया कि बाणसागर डूब क्षेत्र से अपात्र होने के बावजूद रामसुशील पटेल ने 8 लाख 27 हजार 946 रुपए का मुआवजा प्राप्त किया और कलेक्टर के आदेश के बावजूद उक्त राशि को शासकीय कोष में जमा नहीं किया और इसकी जानकारी नाम निर्देशन पत्र के शपथ पत्र में छिपाई है। वहीं याचिकाकर्ता प्रतिमा गुप्ता ने भी निर्वाचन को चुनौती देते हुए अध्यक्षा के विरूद्ध याचिका प्रस्तुत किया और बताया कि इन्होंने भी अपने पति के संबंध में मुआवजा की गलत जानकारी शपथ पत्र में दी है। इस संबंध का कोई भी विवरण शपथ पत्र में नहीं दिया गया है। आपत्ति के बावजूद भी रिटर्निंग आफीसर ने नामांकन रद्द नहीं किया। अदालत ने दोनों ही मामलों में विवाद के 9 बिन्दु तय किए थे। मामले में उभय पक्ष के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और प्रकरण का सूक्ष्म परिशीलन कर अदालत ने नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में जानकारी छिपाए जाने को प्रमाणित माना और याचिका को स्वीकार करते हुए अध्यक्ष सुनीता पटेल और उनके पति रामसुशील पटेल के पार्षद के निर्वाचन को शून्य घोषित किए जाने का निर्णय सुनाया है। अदालत ने निर्णय की प्रति एजीपी पंकज कुमार पटेल के माध्यम से कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाई के लिए प्रेषित किए जाने का निर्देश भी दिया है।