जबलपुर: घाटों की सुरक्षा और सफाई के लिए तैनात निगम के कर्मचारी बरत रहे लापरवाही

  • उमाघाट पर परेशान कर रहे श्वान, स्ट्रीट लाइट भी बंद
  • 30 कर्मचारी तैनात, एक भी नजर नहीं आता
  • घाटों पर मवेशियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-15 08:06 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। माँ नर्मदा के उमाघाट पर श्वानों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले एक माह में श्वान कई श्रद्धालुओं को घायल कर चुके हैं। इसके बाद भी श्वानों को घाटों से नहीं हटाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ उमा घाट पर स्ट्रीट लाइटें बंद होने से रात के समय दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। घाटों की सुरक्षा और साफ-सफाई के लिए तैनात कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उमा घाट पर माँ नर्मदा के दर्शन के लिए सुबह से लेकर रात तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

पिछले एक महीने में उमा घाट पर 30 से 40 श्वान आ गए हैं। श्वान अचानक किसी भी श्रद्धालु पर हमला कर देते हैं। इनके हमले से कई श्रद्धालु घायल हो चुके हैं, लेकिन यहाँ से श्वानों को हटाया नहीं जा रहा है। इसके अलावा घाटों पर मवेशियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

स्ट्रीट लाइटें बंद, छाया अंधेरा

श्रद्धालुओं का कहना है कि उमा घाट में एक सप्ताह से अधिक समय से स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। इसके कारण रात के समय माँ नर्मदा के दर्शन करने परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर निगम के अधिकारियों से कई बार स्ट्रीट लाइटें चालू कराने शिकायत की जा चुकी है, लेकिन सुधार कार्य नहीं हो रहा है।

30 कर्मचारी तैनात, एक भी नजर नहीं आता

नगर निगम की ओर से माँ नर्मदा के गौरीघाट और उमा घाट में साफ-सफाई और सुरक्षा के लिए 30 कर्मचारियों की तैनाती की गई है, लेकिन घाट पर एक भी कर्मचारी नजर नहीं आता। जानकारों का कहना है कि कर्मचारियों की ड्यूटी है कि घाटों पर आने वाले श्वानों और मवेशियों को हटाया जाए।

इसके साथ ही घाटों की साफ-सफाई भी सुनिश्चित की जाए। हालत यह है कि यहाँ पर एक भी कर्मचारी नजर नहीं आता। घाटों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।

उमा घाट पर तैनात कर्मचारियों को निर्देश दिए जाएँगे कि घाट से श्वानों और मवेशियों को हटाया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही स्ट्रीट लाइटों को भी चालू कराया जाएगा।

-पवन श्रीवास्तव, संभागीय अधिकारी

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