जबलपुर: कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश, निजी स्कूल संचालकों की बैठक आयोजित
- प्रशासन सख्त: किसी षड्यंत्र या लूट को बर्दाश्त नहीं करेंगे
- शैक्षणिक सामग्री व ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य करना एक आपराधिक षड्यंत्र के साथ लूट भी है।
- एकाधिकार पर अंकुश लगाने के लिए निजी स्कूल संचालकों की समिति बनाकर इसे पारदर्शी बनाना है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। किसी भी दुकान विशेष से यूनिफाॅर्म, कॉपी- किताब या अन्य किसी भी प्रकार की स्टेशनरी लेने के लिए किसी ने बाध्य किया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे किसी भी षड्यंत्र को जिला प्रशासन स्वीकार नहीं करेगा। पालकों और अभिभावकों को परेशान करने या वित्तीय क्षति पहुँचाने वालों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
उपरोक्त निर्देश कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित निजी स्कूल संचालकों व उनके प्रतिनिधियों की बैठक में दिए। उन्होंने निजी स्कूल संचालकों से कहा कि आप लोग बच्चों को शिक्षित करने एक महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं लेकिन नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत पर कतिपय स्कूल प्रबंधन एवं प्राचार्य द्वारा एनसीईआरटी या एससीईआरटी से संबंधित पुस्तकों के साथ अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तकें एवं शैक्षिक सामग्री अथवा यूनिफाॅर्म खरीदने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पालकों को बाध्य करने की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके कारण विद्यार्थियों व पालकों को महँगे दामों पर उक्त सामग्री मिल रही है जो उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि स्कूली सामग्री विक्रेताओं के एकाधिकार पर अंकुश लगाने के लिए निजी स्कूल संचालकों की समिति बनाकर इसे पारदर्शी बनाना है। जिसमें शैक्षणिक सामग्री व ड्रेस उचित दरों पर सभी को सुलभ हो जाए।
इसके लिए एसओपी बनाने के निर्देश दिए गए। जिसमें कहा कि किस दुकान से क्या खरीदें यह सलाह देना बंद करें, पाठ्यक्रम अनुसार पुस्तक मेला लगाने पर विचार करें, प्राइवेट स्कूल वाले एक समूह बनाकर इस दिशा में उचित निर्णय लेकर आवश्यक कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल संचालक आपस में निर्णय कर इस दिशा में कारगर कदम उठाएँ अन्यथा प्रशासन इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी दुकान विशेष से शैक्षणिक सामग्री व ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य करना एक आपराधिक षड्यंत्र के साथ लूट भी है।
ट्रस्ट बनाने की भी चर्चा
इस दौरान निजी स्कूल संचालकों ने भी अपने विचार व्यक्त कर शैक्षणिक सामग्री व ड्रेस उचित दर पर सुनिश्चित करने संबंधी विचार व्यक्त कर विक्रेताओं के एकाधिकार के नियंत्रण के लिए पब्लिक ट्रस्ट बनाने में सहमति दी और दस प्रमुख स्कूलों की एक समिति बनाई गई, जो इस दिशा में कार्य करेगी।
बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।