सीबीआई ने सीजीएसटी अधीक्षक समेत चार अधिकारियोंं को 7 लाख की घूस लेते हुए पकड़ा
इनकम टैक्स स्थित कार्यालय में देर शाम छापा, तम्बाकू व्यापारियों से माँगी थी 1 करोड़ की रिश्वत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। सीजीएसटी द्वारा दमोह नोहटा की एक तम्बाकू फैक्ट्री में छापामारी कर उसे सीज कर दिया गया था, फिर उसे रिलीज करने की एवज में 1 करोड़ की रिश्वत माँगी जा रही थी। इसकी शिकायत मिलने पर सीबीआई जबलपुर की टीम ने मंगलवार की शाम इनकम टैक्स चौक के पास स्थित सीजीएसटी कार्यालय में छापामारी कर 7 लाख की घूस लेते हुए सीजीएसटी अधीक्षक समेत 4 अधिकारियों को पकड़ा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नोहटा स्थित गोपाल तम्बाकू प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक भागीरथ राय व गिरिराज विजय ने सीबीआई जबलपुर एसपी रिचपाल सिंह को एक शिकायत देकर बताया था कि 18 मई को सीजीएसटी जबलपुर के अधिकारियों द्वारा उनकी फर्म के कारखाना परिसर में छापा मारकर सील कर दिया गया था। कार्रवाई के बाद फैक्ट्री को रिलीज कराने के लिए शिकायतकर्ता सीजीएसटी अधिकारियों से मिले थे। 3 जून को उनकी मुलाकात अधीक्षक कपिल कांबले से हुई थी, तब उन्होंने कारखाना परिसर का रिलीज ऑर्डर जारी करने के लिए 1 करोड़ की रिश्वत की माँग की थी। मंगलवार की शाम जैसे ही उन्होंने 7 लाख की रिश्वत सीजीएसटी कार्यालय में पहुँचकर अधिकारियों को दी पीछे से सीबीआई की टीम ने दबिश दी और कार्यालय से रिश्वत की रकम 7 लाख रुपये बरामद किए। सीबीआई द्वारा रिश्वत मामले में अधीक्षक कपिल कांबले, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, प्रदीप हजारी, वीरेंद्र जैन को आरोपी बनाया गया है।
35 लाख में सौदा तय हुआ
शिकायतकर्ताओं के अनुसार फैक्ट्री का रिलीज ऑर्डर जारी करने के लिए 1 करोड़ की रिश्वत माँगी गई थी और 35 लाख में सौदा तय हुआ था। इसके बाद 5 जून को शिकायतकर्ताओं ने अधीक्षक कांबले को 25 लाख की रिश्वत की रकम सौंपी थी एवं शेष राशि का भुगतान करने के लिए कुछ मोहलत माँगी थी। 10 जून की रात अधीक्षक ने शिकायतकर्ता गिरिराज को उनके मोबाइल के वाट्सएप नंबर पर कॉल करके शेष 10 लाख की राशि का तुरंत भुगतान करने कहा था। रकम न देने पर मशीनरी की नीलामी करने की हिदायत दी गई थी। शिकायतकर्ताओं के आग्रह पर 10 लाख की रकम में रियायत कर 7 लाख का भुगतान करने कहा गया था।
कार्यालय की घेराबंदी
सीबीआई की टीम द्वारा सीजीएसटी कार्यालय में की गई छापामारी से अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कार्यालय के सभी गेटों को बंद कर दिया गया था। टीम द्वारा अधीक्षक व इंस्पेक्टरों के कक्षोंं की तलाशी लेकर 7 लाख की रकम बरामद की गई, वहीं कार्रवाई के दौरान सभी आरोपियों के आवासीय परिसरों की भी तलाशी ली गई।