जबलपुर: सफर में अगर साथ नहीं दस्तावेज तो मुश्किलें खड़ी करेगा कैश, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर भी निगरानी
चुनाव में रकम और आभूषण के परिवहन पर 24 एसएसटी कर रहीं जाँच, पुलिस और इनकम टैक्स अलर्ट मोड पर
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
कहते हैं रुपया हर मुश्किल को आसान बनाता है लेकिन मौजूदा दौर में यही मुश्किलें बढ़ा भी सकता है। दरअसल, आचार संहिता के दौरान बगैर दस्तावेज के 50 हजार से ज्यादा की रकम का परिवहन होता है तो वह संदेह के दायरे में है। कुछ ऐसे ही हाल ज्वैलरी के हैं। कुल मिलाकर विशेषज्ञों की सलाह यही है कि जहाँ तक जरूरत न हो, बड़े अमाउंट और जेवरातों के साथ सफर से बचा जाए।
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रशासन ने जिले में 24 स्टेटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) का गठन किया है। पुलिस और इनकम टैक्स के ऑफीसर भी अलर्ट मोड पर हैं। नतीजतन, एक दर्जन से ज्यादा बड़े ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कैश और ज्वैलरी का अवैध तरीके से परिवहन पाया गया। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकांश लोग ऐसे रहे जिन्होंने नियम-कायदों की अनदेखी की या फिर उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं रही।
50,000 रुपये से ज्यादा लाने ले जाने पर पाबंदी
जानकारों का कहना है कि 50 हजार से ज्यादा की रकम कहीं ले जाई जाती है तो मॉनीटरिंग में लगी टीमें उसे रोक सकती हैं। जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर रकम को जब्त किया जा सकता है। इसके अलावा कैश या ज्वैलरी का आँकड़ा एक लाख से ऊपर का है तो पुलिस और प्रशासन की टीम आयकर विभाग को भी इसकी सूचना देती है।
खास बात यह है कि अगर यही रकम दस्तावेज के साथ परिवहन की जा रही है तो टीम छानबीन के बाद तत्काल एनओसी देती है। लिहाजा, किसी तरह की कार्यवाही का सवाल नहीं बनता। आम तौर पर शहर में इन दिनों बैंक, मंडी, पेट्रोल पम्प अथवा दुकानों से होने वाला मनी फ्लो इसी दायरे में आता है।
अति आवश्यक होने पर नकद राशि के संबंध में सम्पूर्ण दस्तावेज जैसे बैंक स्टेटमेंट, नकद प्राप्ति का स्रोत और राशि के व्यय की आवश्यकता आदि के संबंध में सबूत, दस्तावेज साथ में रखे जाने चाहिए, ताकि जाँच के दौरान एजेंसियों को बताया जा सके। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर भी निगरानी है लेकिन यह ज्यादा सही है।
24 टीमों की 24 घंटे निगरानी
विधान सभा के लिए 17 नवंबर को होने वाले निर्वाचन को लेकर चौबीसों घंटे मॉनीटरिंग की जा रही है। शहर की सभी सीमाओं पर स्पेशल चैकपोस्ट लगाई गई हैं। इसके अलावा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में शराब के अवैध रूप से होने वाले परिवहन और शस्त्रों पर भी निगरानी बैठाई गई है। जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी की टीमों की नजर बगैर बिल के होने वाले परिवहन पर है।
किसी भी प्रकार की नकद राशि अथवा आभूषण का परिवहन करते समय संबंधित दस्तावेज अवश्य होने चाहिए। मौजूदा समय में 24 एसएसटी टीमें इसके लिए अपनी सेवाएँ दे रही हैं। हमारी आम नागरिकों से भी यह अपील है कि वे पूरे दस्तावेजों के साथ ही कैश अथवा आभूषण लेकर घरों से निकलें।
सूर्यकांत शर्मा, एएसपी ग्रामीण
सामान्य दिनों में भी जब नागरिक एवं व्यापारी नियमों का पालन करते हैं, तब आचार संहिता के दौरान तो वे नियमों की अवहेलना कर ही नहीं सकते हैं। अधिकारियों को कैश ले जाते समय संबंधित नागरिकों एवं व्यापारियों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाकर ही जाँच करनी चाहिए।
एड. अभिषेक ध्यानी, सदस्य जबलपुर चेम्बर
कैश जब्त हुआ तो छूटेगा ऐसे, जानिए क्या हैं नियम-कायदे
किसी व्यक्ति के बिना दस्तावेजों के रकम अथवा आभूषण के साथ पकड़े जाने पर सामग्री जब्त करने का प्रावधान है। खास बात यह है कि संबंधित व्यक्ति के सहयोग करने पर किसी तरह की कड़ी कार्यवाही नहीं की जा सकती।
कार्यवाही के दौरान संबंधित का नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं पहचान पत्र जैसे जरूरी जानकारी और दस्तावेज की कॉपी टीम अपने पास रख लेती है।
कार्यवाही के बाद दस्तावेज मँगाकर भी प्रस्तुत किये जा सकते हैं लेकिन जब्त सामग्री को हासिल करने के लिए एक पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
निर्वाचन विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा गठित कमेटी के समक्ष 7 दिन के भीतर आवेदन करना होता है।
कमेटी दस्तावेज की जाँच कर संतुष्ट होने पर नकदी रिलीज कर सकती है। इस रकम को निर्धारित समय में बैंक में जमा कराकर रसीद प्रस्तुत करना जरूरी है।