साॅफ्टवेयर में अटका कनेक्शन राशि के रिफंड देने का मामला
लोगों से नए कनेक्शन की फीस जमा तो करा रहे पर वापस करने की कोई व्यवस्था नहीं, सॉफ्टवेयर में ऑप्शन ही नहीं
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत उपभोक्ताओं को ऑनलाइन माध्यम से आसानी से नए कनेक्शन देने के लिए व्यवस्था लागू कर दी गई है। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर बिना सर्वे के कनेक्शन ले सकता है। इसमें उपभोक्ताओं को लोड के हिसाब से आवेदन के समय ही राशि जमा करनी पड़ती है। यदि सर्वे के बाद किन्हीं कारणों से कनेक्शन निरस्त किया जाता है तो ऐसे में उपभोक्ताओं की जमा राशि वापस नहीं मिल रही है, क्योंकि ईआरपी सॉफ्टवेयर में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। करीब 6 माह पहले लागू व्यवस्था में कई बार हुई शिकायतों के बाद भी सुधार नहीं किया गया है। इससे बहुत से उपभोक्ताओं की राशि फँसी हुई है। शिकायतों के बाद आईटी विभाग द्वारा इसमें जल्द सुधार कार्य करने के दावे किए गए थे परन्तु कई महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
कई उपभोक्ताओं की राशि फँसी
बताया जाता है कि विद्युत कनेक्शन के कैंसिलेशन के बाद उपभोक्ताओं की फजीहत हो रही है। सॉफ्टवेयर में राशि जमा करने का ऑप्शन तो है लेकिन राशि को रिफंड करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके चलते शहर के कई उपभोक्ता फीस जमा करने के बाद फँस गए हैं। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नए कनेक्शन की अधूरी प्रक्रिया से आम लोग परेशान हैं। ऑनलाइन आवेदन के साथ आवेदक से लोड के हिसाब से राशि पहले जमा कराई जाती है। इसके बाद सर्वे करवाया जाता है। कनेक्शन फिजिबिलिटी है कि नहीं इसकी जाँच कराई जाती है। अगर सर्वे में कनेक्शन फिजिबिलिटी नहीं है तो उपभोक्ता का पैसा सॉफ्टवेयर के माध्यम से वापस उपभोक्ता के खाते में लौटा दिया जाना चाहिए लेकिन वास्तविकता यह है कि उपभोक्ता से राशि तो ले ली जा रही है परन्तु राशि के रिफंड का कोई ऑप्शन ही सॉफ्टवेयर में नहीं दिया गया है।
जनवरी में लागू हुई थी नई व्यवस्था
इस नई व्यवस्था को जनवरी 2023 में लागू किया गया था, यानी लगभग 6 महीने पहले नया सिस्टम लागू किया गया था इसके बावजूद भी बिजली कंपनी द्वारा रिफंड की प्रोसेस अभी तक चालू नहीं की गई है।
ईआरपी साॅफ्टवेयर बिजली कंपनी का इंटरनल काम करने वाला साॅफ्टवेयर है। इसमें उपभोक्ताओं की डायरेक्ट कनेक्टिविटी नहीं है। इसके बाद भी यदि कहीं कोई समस्या है तो पता लगाया जाएगा। उसके बाद सुधार कार्य किया जाएगा।
- विवेक चंद्रा, आईटी हेड