शमीम कबाड़ी और उसके भाई के घर पर चला बुल्डोजर
पुलिस, जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने की संयुक्त कार्रवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर। अधारताल थानांतर्गत खजरी-खिरिया बायपास िस्थत रजा मेटल्स इंडस्ट्रीज में हुए हादसे में 2 श्रमिकों की मौत हो गई। इसके अलावा यहाँ आयुध निर्माणियों के बम के खोखे व स्क्रैप रखे होने की जानकारी सामने आने के बाद इंस्ट्रीज के संचालक शमीम कबाड़ी और उसके भाई के घर पर शुक्रवार को पुलिस, नगर निगम एवं जिला प्रशासन की संयुक्त टीम पहुँची। इसके बाद बुल्डोजर द्वारा दोनों भाइयों के घरों पर निर्मित अवैध हिस्से को तोड़ दिया गया।
गौरतलब है कि गुरुवार की सुबह करीब 11:45 बजे लगभग 10 हजार वर्गफीट पर बने रजा मेटल्स इंडस्ट्रीज में जोरदार विस्फोट हुआ था। इस दौरान करीब 5 किलोमीटर दूर तक भूकम्प जैसा कंपन्न लोगों को महसूस हुआ। इतना ही नहीं मौके पर कार्य कर रहे कुछ श्रमिक भी घायल हो गए थे और इनमें से 2 लोगों के गायब होने और यहाँ मिले मानव अवशेष उक्त गुमशुदा के होने की जानकारी पुलिस को मिली थी।
भारी पुलिस बल के साथ पहुँचा अमला-
बताया जाता है कि शमीम कबाड़ी के आनंद नगर अधारताल स्थित निवास पर जिला प्रशासन एवं नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुँची। इसके बाद यहाँ बने करीब 9 सौ स्क्वेयर फीट एरिया को बुल्डोजर से जमींदोज कर दिया गया। इसके अलावा सैफ नगर निवासी शमीम के भाई सलीम के यहाँ भी यह टीम पहुँची और वहाँ बने अवैध हिस्से को बुल्डोजर से नेस्तनाबूद कर दिया गया। इस दौरान आईजी अनिल सिंह कुशवाहा एवं डीआईजी तुषारकांत विद्यार्थी के अलावा अधारताल व गोहलपुर थाना प्रभारी भी मौजूद रहे।
अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का जताया विरोध-
नगर निगम, पुलिस एवं जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा जब शमीम कबाड़ी और उसके भाई सलीम के घर पर बने अवैध हिस्से को तोड़ा जा रहा था, तभी यहाँ विधायक लखन घनघोरिया अपने कार्यकर्ताओं सहित पहुँच गए। इस दौरान उन्होंने सलीम का घर तोडऩे पर नाराजगी जाहिर की। उनका आरोप था कि लम्बे समय से शमीम और सलीम का आपस में कोई संपर्क नहीं है। इसके बावजूद सलीम के घर पर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई करना अनुचित है। जिस व्यक्ति की इंडस्ट्री में यह सबकुछ हुआ है उस पर ही कार्रवाई करनी चाहिए।
अन्य गोदामों का भी लगाया जा रहा पता -
अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने अमले को शमीम कबाड़ी के अन्य थाना क्षेत्रों में िस्थत आवास और गोदामों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि शमीम के अन्य ठिकानों का पता चलता है तो संभवत: दो-तीन दिन में वहाँ पहुँचकर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की जाएगी।