विस्फोट मामला: कबाडख़ाने में मिले दस साल पुराने बमों के खोखे, जाँच टीम भी हुई हैरान
दूसरे दिन भी विस्फोटक का कुछ हिस्सा किया गया नष्ट, इधर हिस्ट्रीशीटर कबाड़ी के पुत्र से चली पूछताछ
डिजिटल डेस्कजबलपुर। अधारताल थाना क्षेत्र स्थित खजरी-खिरिया बायपास स्थित हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी के कबाडख़ाने में हुए विस्फोट की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है। जाँच में जुटी एसपीजी व पुलिस टीम कबाड़ से बरामद होने वाले सामान को देखकर हैरान है। जानकारों के अनुसार जाँच के दौरान कबाड़ में दस साल पहले स्क्रैप में खरीदे गए बमों के खोखे भी मिले हैं। उधर गुरुवार को भी जाँच टीम द्वारा विस्फोटक के कुछ हिस्सों को नष्ट करने की कार्रवाई की गयी। वहीं पुलिस रिमांड पर लिए गए कबाड़ी के बेटे फहीम से भी सघन पूछताछ की गई।
ज्ञात हो कि शमीम कबाड़ी के करीब दस हजार वर्गफीट में फैले कबाडख़ाने में 25 अप्रैल की दोपहर धमाका हुआ था। इस धमाके की गूँज करीब 5 किलोमीटर क्षेत्र में सुनाई दी थी। धमाके के दौरान कबाडख़ाने में मौजूद दो मजदूर भोलाराम भूमिया व खलील लापता हो गए थे, जिनकी मौत की आशंका जताई गयी थी। इस घटना में पुलिस ने शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम व पार्टनर सुल्तान को गिरफ्तार किया था। वहीं जाँच के दौरान कबाड़ में करीब साढ़े 3 सौ छोटे बड़े बमों के खोखे बरामद किए गए थे। अब इस विस्फोटक को नष्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।
खास राज नहीं उगल रहा फहीम
जानकारी के अनुसार हादसे में गिरफ्तार किए गए शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम व पार्टनर सुल्तान को पहले 5 दिन की रिमांड पर िलया गया था। उसके बाद 1 मई को दोनों को कोर्ट में पेश कर फहीम को दोबारा दो दिन की रिमांड पर िलया गया था। रिमांड के दौरान फहीम से विस्फोटक के संबंध में पूछताछ की गयी लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं बताया, जिससे विस्फोट की गुत्थी सुलझ सके।
जुटाई जा रही सम्पत्ति की जानकारी
उधर विस्फोट के बाद फरार हुए शमीम कबाड़ी का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस टीमें लगातार उसकी पतासाजी व उसकी चल-अचल सम्पत्तियों का पता लगाने में जुटी हैं। इस मामले में आरोपी शमीम के आधा सैकड़ा से अधिक करीबियों व रिश्तेदारों से पूछताछ की जा चुकी है।
छग से भी आता था स्क्रैप
पूछताछ के दौरान जहाँ फहीम द्वारा आयुध निर्माणी और एयरफोर्स आमला से स्क्रैप की खरीदी किया जाना बताया गया था, वहीं पुलिस को इस बात की जानकारी लगी है कि उनकी फर्म द्वारा छत्तीसगढ़ के कई निजी व सरकारी संस्थानों से भी स्क्रैप खरीदा जाता था। जाँच टीम अब उन संस्थानों का पता लगा रही है। कबाड़ी द्वारा जिन-जिन संस्थानों से स्क्रैप की खरीदी की गयी है, वहाँ के अधिकारियों-कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।