जबलपुर: रादुविवि शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के चुनाव पर रोक हटी
- जबलपुर के चुनाव पर पूर्व में लगी रोक हटा ली है।
- आदेश की सुविधा अनुसार अनुचित व्याख्या की जा रही है।
- जवाब पेश किए जाने की तिथि तक यथास्थिति बनाए रखने की अंतरिम व्यवस्था दी गई थी।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। व्यवहार न्यायाधीश फरहान एम कुरैशी की अदालत ने एक आदेश के जरिए रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ, जबलपुर के चुनाव पर पूर्व में लगी रोक हटा ली है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान अनावेदक रादुविवि शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद कुशवाहा व रामसियावन सोंधिया की ओर से अधिवक्ता निखिल तिवारी व अतुल शुक्ला ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि जबलपुर निवासी अधिवक्ता एनआर भोसले के व्यवहारवाद पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पूर्व में जो आदेश पारित किया था, उसे स्पष्ट करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि उक्त आदेश की सुविधा अनुसार अनुचित व्याख्या की जा रही है।
अदालत ने उक्त तर्क सुनने के बाद पारित आदेश में साफ किया कि 23 दिसंबर, 2023 को उभयपक्ष की सहमति से प्रकरण में प्रतिवादीगण द्वारा जवाब पेश किए जाने की तिथि तक यथास्थिति बनाए रखने की अंतरिम व्यवस्था दी गई थी।
प्रकरण में प्रतिवादी द्वारा 24 जनवरी, 2024 व 25 जनवरी, 2024 को अस्थायी निषेधाज्ञा संबंधी वादी के आवेदन का जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है। ऐसी दशा में 23 जनवरी, 2023 को पारित आदेश का प्रभाव स्वत: ही समाप्त हाे चुका है। प्रतिवादी राजेंद्र प्रसाद कुशवाहा व रामसियावन सोंधिया की ओर से किया गया निवेदन निराकृत किया जाता है।
ये है मामला
अधिवक्ता एनआर भोसले ने व्यवहारवाद के जरिए आरोप लगाया था कि रादुविवि शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ अनियमितता से ग्रस्त है। लिहाजा, अनियमितताओं के निराकृत होने तक चुनाव पर रोक लगा दी जाए। अदालत ने इस आरोप के सिलसिले में प्रतिवादियों के जवाब तक यथास्थिति की व्यवस्था दे दी थी।