जबलपुर: पार्थेनियम के खतरों और प्रबंधन के बारे में किया गया जागरूक
- कार्यक्रम में विभाग के स्नातकोत्तर एवं पीएचडी छात्रों सहित 25 छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
- गाजरघास पूरे देश के लिए गंभीर समस्या बन रही है।
- यह विदेशी खरपतवार देश के विभिन्न कोनों तक पहुँच गया है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। 19वें पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह का आयोजन जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान में कुलपति डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा की प्रेरणा एवं अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव के मुख्यातिथ्य में किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. श्रीवास्तव ने पार्थेनियम के खतरों और इसके प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में छात्रों के समर्पण और प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कीट शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एस.बी. दास एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. अमित कुमार शर्मा रहे।
कार्यक्रम में विभाग के स्नातकोत्तर एवं पीएचडी छात्रों सहित 25 छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस अवसर पर संकाय सदस्य डॉ. आर.एस. मराबी, डॉ. ए.के. पांडे और डॉ. कैलाश चौकीकर भी शामिल रहे। इस दौरान सुश्री रितु पांडे, पीएचडी छात्रा ने पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह से संबंधित बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
गाजरघास पूरे देश के लिए बन रही गंभीर समस्या
गाजरघास पूरे देश के लिए गंभीर समस्या बन रही है। यह विदेशी खरपतवार देश के विभिन्न कोनों तक पहुँच गया है। इसी को ध्यान में रखकर खरपतवार अनुसंधान निदेशालय द्वारा 19वाँ राष्ट्रीय गाजरघास जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया।
जागरूकता सप्ताह का उद्घाटन भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल के पूर्व निदेशक डॉ. एके पात्रा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक डाॅ. जेएस मिश्र ने की। इस मौके पर डॉ. अर्चना अनोखे, डॉ. दीपक पवार आदि मौजूद रहे।