जबलपुर: रानीताल चौक में एक हिस्से पर ऑटो चालकों का रहता है कब्जा, ब्लॉक हो जाती है पूरी रोड
- रानीताल चौक में फ्लाईओवर की संरचना में ही दो बोइस्टिंग ब्रिज बनाए गए हैं।
- फ्लाईओवर के नीचे सड़क को चौड़ी जगह ज्यादा मिलने के बाद भी आम आदमी को चैन नहीं
- सरकार के द्वारा ट्रैफिक के लिए बड़ा बजट खर्च करने के बाद भी आम आदमी को राहत नहीं है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानीताल चौक में फ्लाईओवर निर्माण के बाद चारों हिस्सों की सड़क चौड़ी तो हो गई लेकिन उसके बाद भी इस चौराहे पर अराजक ट्रैफिक को लेकर जनता हलाकान ही रहती है। स्थिति ऐसी है कि जो आदमी गढ़ा की ओर से बल्देवबाग की ओर जाना चाहे तो बाएँ हिस्से की सड़क में पूरी तरह से ऑटो चालकों ने कब्जा कर रखा है।
दिन हो या रात या फिर पीक ऑवर्स यहाँ से निकलने में लोगों को ऑटो के बीच जद््दोजहद करनी पड़ती है। पूरी बाएँ हिस्से की सड़क को मेडिकल स्टोर्स के सामने तो ब्लॉक सा कर दिया गया है।
फ्लाईओवर के पिलर के दूसरी ओर जो सड़क आगे जाती है उससे वाहन चालक आगे जा पाता है। चौराहे में परेशान लोगों का कहना है कि परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने कई महीनों से इन ऑटो चालकों को कहीं भी धमाचौकड़ी मचाने की खुली छूट सी दे दी है।
न तो आरटीओ द्वारा इनकी जाँच की जाती है और न ही यह रूट का पालन कर रहे हैं या नहीं यह चैक किया जाता है। ट्रैफिक नियम का पालन न करने को लेकर जैसे इन दिनों इन्हें खुली आजादी है।
बड़े प्लान को ही चौपट कर दिया-
रानीताल चौक में फ्लाईओवर की संरचना में ही दो बोइस्टिंग ब्रिज बनाए गए हैं। यह ब्रिज स्टील के हैं, ताकि बीच के हिस्से में चौराहे में किसी भी तरह से पिलर की वजह से यातायात पर ज्यादा असर न हो।
चौराहे पर ज्यादा पिलर न रहें इसलिए इन ब्रिजों के बनाने में 20 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च किए गए लेकिन जो ऑटो चौराहे पर कब्जा जमाकर स्मूथ ट्रैफिक में बाधा पहुँचा रहे हैं वे इन ब्रिजों की कल्पना पर भारी पड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार के द्वारा ट्रैफिक के लिए बड़ा बजट खर्च करने के बाद भी आम आदमी को राहत नहीं है।