जैसे-तैसे सड़क बनने का नंबर आया तो अब पाइप लाइन के लिए फिर शुरू कर दी खुदाई
- मानसूनी सीजन में काम की धीमी रफ्तार से हजारों की आबादी हाे रही प्रभावित
- जितने दिनों में फ्लाईओवर बनकर तैयार हो जाते हैं उतने दिनों में आधा किमी सड़क नहीं बना पा रहा निगम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
मानसून सीजन में जैसे-तैस गढ़ा रेलवे क्राॅसिंग से गुलौआ चौक और आगे गौतम मढ़िया तक सड़क निर्माण का काम बड़ी मशक्कत के बाद आरंभ हुआ, तो अब यह फिर बंद हो गया। बीते एक सप्ताह से सड़क निर्माण का काम इसलिए थम गया क्योंकि इसमें एक छोटी पेयजल पाइन लाइन नहीं डाली जा सकी है। जितने दिन सड़क निर्माण का काम थमा था, उतने दिन में यह पाइप लाइन आसानी से बिछाई जा सकती थी लेकिन जैसे ही सड़क का काम आरंभ हुआ, तो किनारे के हिस्से से पाइप लाइन के लिए खुदाई शुरू हो गई और इस तरह सड़क का निर्माण कार्य फिर से बंद हो गया। नगर निगम की इस तरह की कार्य शैली पर जनता सवाल उठा रही है। लोगों का कहना है कि बीते एक साल से इस हिस्से में निकलना पीड़ा दायक साबित हो रहा है। जितने दिनों में कोई जिम्मेदार निर्माण एजेंसी फ्लाईओवर का निर्माण कर सकती है, उतने दिनों में नगर निगम पौन किलोमीटर की सड़क नहीं बना पाया। यह गढ़ा का सबसे उपयोगी मार्ग है, इसके जाम होने से हजारों की आबादी पर असर हो रहा है। लोगों का कहना है कि अब काम किसी अन्य वजह से नहीं बल्कि नगर निगम की खुद की गलती बंद है, जिसके चलते हर घंटे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है।
प्लान में फुटपाथ बनना शुरू नहीं हो सका
इस मार्ग पर गढ़ा रेलवे क्राॅसिंग से गुलौआ चौक और उससे आगे गौतम मढ़िया तक सड़क निर्माण के साथ फुटपाथ का भी निर्माण करना है, लेकिन जितने हिस्से में सड़क बन चुकी है वहाँ फुटपाथ बनने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। गुलौआ चौक निवासी मुकेश शर्मा, ब्रजेन्द्र ठाकुर, अमरजीत सिंह ठाकुर व पिंकी जैन का कहना है कि प्लान जरूर बताया जा रहा है लेकिन जिस हिसाब से सड़क का निर्माण किया जा रहा है उसको देखते हुए ऐसा लग रहा है कि फुटपाथ को बनाया ही नहीं जाएगा।
लोगों का कहना है कि इस हिस्से में जितने भी जनप्रतिनिधि हैं वे वोटों की फसल फिर से काटने आमादा हैं। संरचना से जुड़े वर्क जो यहाँ किए जा रहे हैं उनसे उनका कोई लेना देना नहीं है, न ही कोई विजन है। इसकी बानगी यह है कि जो सीमेण्ट सड़क बन रही है उसकी चौड़ाई 60 से 36 फीट कर दी गई पर कोई भी जनप्रतिनिधि अधिकारियों से सवाल नहीं कर रहा है। इस मार्ग को इस अंदाज में बनवाया जा रहा है कि जैसे तैसे यह सड़क बस बनी हुई नजर आने लगे।