जबलपुर: आखिर 2.2 किलोमीटर की सड़क 18 करोड़ से अधिक राशि से बनी तो गुणवत्ता ऐसी क्यों
- आईटी पार्क की नई सड़क में दरारें, चलते वक्त उछल रहे वाहन
- कई हिस्सों में ऊपरी लेयर निकलने की नौबत, कई जगहों पर उभरे गड्ढे
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
आईटी पार्क के अंदर की सड़क की तो धज्जियाँ उड़ी हुई हैं, इसकी मुख्य सड़क, जो 18 करोड़ से अधिक राशि खर्च कर बनाई गई है, उसकी गुणवत्ता पर भी बनने के साथ सवाल उठाये जा रहे हैं। बरगी हिल्स की शुरुआत से एमपीईबी पाॅवर हाउस तक 2.2 किलोमीटर की सड़क को भोपाल की विलीफ बिल्डकॉन ने बनाया है। सड़क का हिस्सा लगभग बन चुका है और किनारे, फुटपाथ, ड्रेनेज जैसे वर्क बाकी हैं। इस सड़क में तिलवारा थाने के नजदीक जीरो प्वाॅइंट पर पैनल क्रैक हैं। आगे बढ़ने पर बड़े हिस्से में दो पैनलों के बीच दरारें हैं और कहीं-कहीं तो गड््ढे तक उभर आये हैं। सड़क से जब वाहन 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ता है तो उछलने लगता है। बिल्कुल वैसा ही अहसास होता है, जैसे जबलपुर-मण्डला सड़क पर होता है, जो अपनी घटिया क्वाॅलिटी के लिए कुख्यात हो चुकी है। बड़ा बजट खर्च करने के बाद इसकी गुणवत्ता बेहतर न होने को लेकर एक्सपर्ट का मानना है कि इसकी माॅनिटरिंग में कहीं कमी रखी गई है। जब सड़क को ढाला जा रहा था, उसी वक्त सड़क वायब्रेशन, सरफेस बेस, ऊपरी परत न कमजोर पड़े, इसमें सीमेण्ट, रेत, गिट्टी का अनुपात निर्धारित मापदण्डों के अनुसार रखना था। सीधे तौर पर कहा जाए तो मार्ग के निर्माण के दौरान निगरानी उतनी नहीं रखी गई, जितनी जरूरी होती है।
डिवाइडर, फुटपाथ पर अब भी वर्क बाकी
ढाई साल की कवायद में सड़क को लेकर अब भी प्रोसेस चल रही है तो डिवाइडर, फुटपाथ, ड्रेनेज पर वर्क बाकी है। जिस तरह से सड़क की क्वाॅलिटी पर ध्यान कम दिया गया है तो लोगों का कहना है कि फुटपाथ और डिवाइडर भी उन्हीं तौर तरीकों से बनाये जा रहे हैं।
बनते ही सुधारने की भी नौबत
अब बताया जा रहा है कि इस मार्ग में जहाँ पर पैनल क्रैक हैं, वहाँ पर सुधार किया जाएगा। साथ ही दरारों को भरा जाएगा और जहाँ गड्ढे हैं, वहाँ डामर के लेप के साथ फिलिंग की जाएगी। इस मार्ग को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी की जितनी सड़कें हैं, उनमें एक चीज कॉमन है कि बनने के बाद अमूमन हर सड़क को सुधारने की नौबत आ रही है। जनता इनसे गुजरते समय गुणवत्ता को लेकर सवाल भी उठाती है कि आखिर ये ऐसी क्यों बनाई जाती हैं कि इनमें बनने के साथ सुधार या मरम्मत की नौबत आती है।
ऐसी बनी है यह सड़क
सड़क की कुल लागत सभी निर्माण सहित 18.40 करोड़
इसमें सेंट्रल लाइट, फुटपाथ, ड्रेनेज वर्क सहित अन्य वर्क
निर्माण अवधि 24 माह, अगले माह हैण्डओवर होगी
कुल चौड़ाई 24 मीटर यानी लगभग 80 फीट के करीब
भोपाल की विलीफ बिल्डकॉन निर्मित कर रही है सड़क
हैण्डओवर के पहले पूरा वर्क कराएँगे
सड़क में अभी जहाँ भी कहीं पर कुछ कमी है, वहाँ पर हम उसको पूरी तरह से सुधरवाएँगे। पैनल क्रैक या दरारें कहीं नहीं होंगी। सड़क की क्वाॅलिटी को लेकर हमने पूरा ध्यान दिया है। अगले एक डेढ़ माह में यह हमें सौंपी जाएगी।
-चन्द्र प्रताप सिंह गोहल, सीईओ, स्मार्ट सिटी