जबलपुर: यूनिपोल की जाँच करने समिति तो बनी, लेकिन समय-सीमा तय नहीं

  • मंच ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा, जाँच के लिए निर्धारित होनी चाहिए अवधि
  • यूनिपोल और होर्डिंग की लोकेशन वाइज एनओसी ली जानी चाहिए।
  • खतरनाक यूनिपोल से नागरिकों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-06 09:21 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लंबी जद्दोजहद के बाद शहर में जगह-जगह लगे यूनिपोल की जाँच के लिए पाँच सदस्यीय समिति का गठन तो कर दिया गया, लेकिन जाँच हेतु समय-सीमा तय नहीं की गई। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने जाँच की समय-सीमा तय करने की माँग की है। इस संबंध में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा गया है।

उपभोक्ता मंच ने कहा है कि जबलपुर में बारिश शुरू हो गई है। आँधी-तूफान में खतरनाक यूनिपोल गिरकर तबाही मचा सकते हैं। विगत दिवस करौंदा नाला के पास यूनिपोल गिरने की घटना हुई थी। गनीमत यह थी कि यूनिपोल सड़क के किनारे गिरा, इससे किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।

खतरनाक यूनिपोल से नागरिकों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। नगर निगम ने यूनिपोल की जाँच के लिए समिति का गठन तो किया है, लेकिन जाँच के लिए समय-सीमा तय नहीं की। जाँच के लिए निश्चित समय का निर्धारण करना जरूरी है।

समिति में ट्रैफिक अधिकारी को भी शामिल किया जाए

उपभोक्ता मंच ने कहा है कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 116 (4) के तहत यूनिपोल और होर्डिंग लगाने के पहले ट्रैफिक पुलिस से एनओसी लेना अनिवार्य है। यूनिपोल और होर्डिंग की लोकेशन वाइज एनओसी ली जानी चाहिए।

लोकेशन के हिसाब से वैरिफिकेशन कर यातायात में अवरोध के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होता है। इस काम के लिए जाँच समिति में ट्रैफिक पुलिस अधिकारी को शामिल करना जरूरी है, लेकिन जाँच समिति में ट्रैफिक पुलिस अधिकारी को शामिल नहीं किया गया है।

इस मौके पर डॉ. पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव, टीके रायघटक, डीके सिंह, उमेश सिंह, जीपी विश्वकर्मा, सुशीला कनौजिया, सुभाष चंद्रा, पीएस राजपूत और राजेश गिदरोनिया मौजूद थे।

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