जबलपुर: नेशनल एग्जिट टेस्ट में 50% अंक अनिवार्य, तभी आयुर्वेद में मिलेगा प्रवेश और प्रैक्टिस की अनुमति
- भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने जारी की नई गाइडलाइन
- जानकारी के अनुसार नेशनल एग्जिट टेस्ट एमसीक्यू पैटर्न पर होगा।
- एनसीआईएसएम ने एग्जिट टेस्ट में नो लिमिट अटेम्प्ट लागू कर अच्छा निर्णय लिया है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आयुर्वेद समेत अन्य विधाओं में चिकित्सक बनने के लिए अब नेशनल एग्जिट टेस्ट में 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा, यही नहीं प्रैक्टिस करने के लिए भी इतने अंक लाना जरूरी होगा। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने इस संंबंध में नई गाइडलाइन और परीक्षा पैटर्न जारी कर दिया है।
नेशनल एग्जिट टेस्ट इस साल अक्टूबर माह में आयोजित होगा। आयुर्वेद, यूनानी, सोवा-रिग्पा व सिद्धा विधा में चिकित्सक बनने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राएँ टेस्ट में शामिल होंगे। बता दें कि जबलपुर में 1 शासकीय समेत 3 निजी आयुर्वेद कॉलेज संचालित हैं।
वहीं प्रदेश की बात करें तो आयुर्वेद के 34, यूनानी के 4 कॉलेज संचालित हैं। जबकि देशभर में कॉलेज की संख्या 621 है, जिनमें 55 हजार से ज्यादा यूजी स्नातक सीटें हैं। एनसीआईएसएम ने स्पष्ट कर दिया है कि 2024 की परीक्षा अक्टूबर में तथा वर्ष 2025 से यह परीक्षा प्रतिवर्ष फरवरी व अगस्त में होगी।
संभावना है कि जबलपुर समेत देशभर से डेढ़ लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा में बैठेंगे।
एमसीक्यू पैटर्न पर होगा टेस्ट
जानकारी के अनुसार नेशनल एग्जिट टेस्ट एमसीक्यू पैटर्न पर होगा। इसमें नैदानिक योग्यता, चिकित्सा नैतिकता की समझ, मेडिकल कानूनी मामलों से निपटने की क्षमता परीक्षण आधारित प्रश्न पूछे जाएँगे।
टेस्ट में समय तीन घंटे, एमसीक्यू के 120 प्रश्न और कुल अंक 480 होंगे। नेगेटिव मार्किंग का एक अंक कटेगा। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय का कहना है कि मेहनतकश व योग्य छात्र ही भविष्य में पंजीकृत डॉक्टर बन सकेंगे। एनसीआईएसएम ने एग्जिट टेस्ट में नो लिमिट अटेम्प्ट लागू कर अच्छा निर्णय लिया है।
अलग-अलग भाषाओं में परीक्षा
आयुर्वेद का पेपर हिन्दी व अंग्रेजी में, यूनानी का अंग्रेजी व उर्दू में, सिद्धा का अंग्रेजी व तमिल में तथा सोवा-रिग्पा का अंग्रेजी व भोती भाषा में होगा। जो छात्र यूजी स्नातक डिग्री के साथ एक वर्ष अथवा 270 दिनों की इंटर्नशिप पूरी कर चुके होंगे वो इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
विदेशी छात्रों के लिए डिग्री आईएमसीसी एक्ट-1970 के थर्ड शेड्यूल या एनसीआईएसएम अधिनियम-2020 की धारा-36 के तहत जो मान्य डिग्री लिए होंगे वो परीक्षा के लिए पात्र रहेंगे।