जबलपुर: सवा किमी की सड़क पर बना दिए 27 स्पीड ब्रेकर, वाहन चालकों की आफत

  • राँझी और व्हीकल इस्टेट क्षेत्र में गंभीर हालात, और भी ज्यादा बढ़ गई हादसों की संभावना, लोग त्रस्त
  • सवा किमी की सड़क पर 27 गति-अवरोधक बना दिए हैं जो कि आश्चर्य का विषय है।
  • व्हीकल इस्टेट इलाके में भी चप्पे-चप्पे पर मोटे और ऊँचे गति-अवरोधक बनाए गए हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-21 08:11 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्पीड-ब्रेकर का निर्माण वाहनों की गति को नियंत्रित कर एक्सीडेंट को रोकना होता है। लेकिन राँझी से व्हीकल इस्टेट इलाके तक जिस तरह के बेढंगे गति-अवरोधक बनाए गए हैं, उनसे सड़क पर सुरक्षा की बजाय हादसे ज्यादा होने लगे हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि मनमानी ऊँचाई वाले इन ब्रेकरों से अचानक वाहन चालक उछलकर गिरने लगते हैं। ऐसे हालातों में हादसों के साथ ही उन्हें शारीरिक समस्याएँ भी झेलनी पड़ रही हैं। इतना ही नहीं नगर निगम के जिम्मेदारों ने बजरंग नगर से किशन होटल तक सवा किमी की सड़क पर 27 गति-अवरोधक बना दिए हैं जो कि आश्चर्य का विषय है।

कई इंच ऊँचे और चौड़े बना दिए

क्षेत्रीय जनों विकास श्रीवास्तव, देवेन्द्र बख्शी, राजेश मलिक, हरिरंजन प्रजापति एवं रामलाल पारस आदि का आरोप है कि नगर निगम द्वारा एक पखवाड़ा पूर्व स्पीड-ब्रेकर बनवाए गए हैं। इन गति-अवरोधकों को बनवाने में किसी भी तरह के नियमों का पालन नहीं किया गया है।

यही वजह है कि दूर से जब तक वाहन चालक नजदीक आते हैं तब तक ऊँचे और चौड़े ब्रेकरों में उनके वाहन उछल जाते हैं। इससे कई बार वाहनों के स्लिप होने, चालकों के नीचे गिरने और एक्सीडेंट होने की नौबत भी सामने आ जाती है।

नगर निगम ने विरोध के बावजूद करा दिया निर्माण

नगर निगम ने पूरी मनमानी के साथ बजरंग नगर से किशन होटल तक सवा मीटर की सड़क पर 27 स्पीड-ब्रेकर बना दिए। इतना ही नहीं व्हीकल इस्टेट इलाके में भी चप्पे-चप्पे पर मोटे और ऊँचे गति-अवरोधक बनाए गए हैं। जबकि क्षेत्रीय लोग ऐसे ब्रेकर बनाने का लगातार विरोध कर रहे थे।

अधिक ऊँचाई होने से लोगों को कमर, कंधों एवं रीढ़ की हड्डी संबंधी व्याधियों से जूझना पड़ रहा है। लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद आज तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।

नियमानुसार तीन इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए ऊँचाई

जानकारों की मानें तो स्पीड-ब्रेकर की ऊँचाई 3 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए। इनके दोनों तरफ स्लोप होने चाहिए। क्योंकि स्लोप से किसी भी गाड़ी के टायर आराम से चढ़कर उतर जाते हैं और कार की बॉडी भी ब्रेकर से नहीं टकराती है।

इसके अलावा स्पीड-ब्रेकर पर मार्किंग भी जरूरी होती है ताकि दूर से ही पता चल जाए कि आगे ब्रेकर है। स्पीड-ब्रेकर यूँ ही नहीं बनाए जा सकते बल्कि ट्रैफिक पुलिस को जरूरत के हिसाब से नगर निगम के समक्ष अपनी माँग रखनी चाहिए।

इसके बाद निगम के अधिकारी जाँचोंपरांत परमिशन देते हैं और तब गति-अवरोधकों का निर्माण कराया जा सकता है। ब्रेकर बनाने के बाद उन पर थर्मो-प्लास्टिक पेंट से पट्टियाँ बनाना भी जरूरी होता है। ताकि वाहन चालकों को रात में भी गति-अवरोधक आसानी से दिख सकें।

इसके अलावा स्पीड-ब्रेकर के पास रेडियम लगाया जाना चाहिए और इसके 40 मीटर पहले एक चेतावनी वाला बोर्ड भी लगा होना चाहिए। लेकिन ऐसा न कर बेढंगे स्पीड-ब्रेकर बनवाकर जिम्मेदार खामोश हो चुके हैं।

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