जबलपुर: 23000 हाई टेंशन लाइन के टाॅवरों की ड्रोन के माध्यम से होगी पेट्रोलिंग

  • पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद ट्रांसमिशन कंपनी करेगी काम
  • इसके लिए पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी ने 23 हजार टाॅवरों के लिए ड्रोन पेट्रोलिंग के लिए निविदा बुलाई है।
  • पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब करीब 23000 टाॅवरों की पेट्रोलिंग के लिए काम किया जाएगा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-30 13:06 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर सहित पूरे प्रदेश के कई जिलों के हाई टेंशन टाॅवरों की पेट्रोलिंग अब ड्रोन के माध्यम से की जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब करीब 23000 टाॅवरों की पेट्रोलिंग के लिए काम किया जाएगा।

मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा नई तरह की पेट्राेलिंग की शुरुआत की जा रही है। जानकारी के अनुसार 220 केवी अति उच्चदाब लाइन टाॅवरों की पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब प्रदेश में 400 और 132 केवी की अति उच्चदाब लाइनों के टावरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग की जाएगी।

सटीक होगी माॅनिटरिंग

220 केवी अति उच्चदाब लाइनों के टाॅवरों की निगरानी ड्रोन से करने का प्रयोग सफल होने के बाद अब प्रदेश में 400 और 132 केवी की हाई टेंशन लाइनों के टाॅवरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग की जाएगी।

इसके लिए पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी ने 23 हजार टाॅवरों के लिए ड्रोन पेट्रोलिंग के लिए निविदा बुलाई है। जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर चंबल संभाग के साथ अन्य जिलों के हाई टेंशन लाइन के 23000 टाॅवर ड्रोन की निगरानी में रहेंगे।

मप्र पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी 220 केवी के ट्रांसमिशन टाॅवरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग करने के बाद अब 400 एवं 132 केवी के टाॅवरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग करवाने की तैयारी है। इससे जहाँ दुर्गम स्थानों के टाॅवरों की टाॅप पेट्रोलिंग सहजता से संभव हो सकेगी।

इंजी सुनील तिवारी, एमडी, एमपी ट्रांसको

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