जबलपुर: रिंग रोड के पहले हिस्से का वर्क 22 फीसदी हुआ पूरा
- केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय कर रहा है सीधे दिल्ली से माॅनिटरिंग
- पहला हिस्सा 16 किलोमीटर का 550 करोड़ के बजट से बन रहा है
- बरेला शारदा मंदिर से चूल्हा गोलाई की सीमा तक निर्माण
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। तीन हजार करोड़ से पाँच फेज में बन रही रिंग रोड के पहले हिस्से का वर्क 4 माह में 22 फीसदी पूरा कर लिया गया है। नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इण्डिया ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को इसकी जानकारी दी है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय इस महत्वाकांक्षी सड़क की भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत सीधी मॉनिटरिंग करता है। रिंग रोड का पहला हिस्सा बरेला, शारदा मंदिर से चूल्हा गोलाई मानेगाँव तक बनाना शुरू किया गया है।
यह 16 किलोमीटर का हिस्सा है, जिसमें गौर नदी पर एक नया ब्रिज, नर्मदा पर एक नया ब्रिज, कुल 150 फीट की सड़क सहित इसमें सर्विस रोड भी निर्मित की जानी है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू के अनुसार हमने अभी तक के निर्माण की समीक्षा की, जिसमें वर्क 22 फीसदी तक पूरा कर लिया गया है। जो समय निर्धारित किया गया है, उसी के अनुसार वर्क की गति है। गौरतलब है कि रिंग रोड का पहला हिस्सा दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी 550 करोड़ से अधिक राशि से निर्मित कर रही है। इसमें निर्माण की समय-सीमा दो साल निर्धारित की गई है।
रिंग रोड के और हिस्से ऐसे
पहले हिस्से के बाद दूसरा हिस्सा चूल्हा गोलाई मानेगाँव से भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन तक। इसके बाद भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन से पनागर कुशनेर की सीमा तक, कुशनेर से कुण्डम रोड अमझर घाटी तक। अंतिम और पाँचवाँ हिस्सा कुण्डम अमझर घाटी से बरेला शारदा मंदिर तक बनना है। इसमें बीच के तीन हिस्सों में वर्क के लिए एनएचएआई ने तिलवारा से आगे नारायणगंज में साइट बनाने का काम आरंभ कर दिया है। अंतिम हिस्सा, जो 18 किलोमीटर का है, उसकी हाल ही में दिल्ली से अनुमति दी गई है। कुल 108 किलोमीटर में 3 हजार करोड़ से अधिक राशि से वर्क किया जाना है। हर हिस्से की केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अलग-अलग अनुमति दी है।