जबलपुर: घोर नक्सल प्रभावित सोनेवानी में 100 तो डिंडोरी के बोना में डाले गए 94 फीसद से अधिक वोट
मंडला, डिंडोरी तथा बालाघाट की नक्सल प्रभावित 6 सीटों पर भी टूटा मतदान का रिकॉर्ड
डिजिटल डेस्क,कपिल श्रीवास्तव, जबलपुर।
प्रदेश के अब तक के सर्वाधिक 77.15 फीसद मतदान के बीच महाकोशल के नक्सल प्रभावित 6 विधानसभा क्षेत्रों मंडला, बिछिया, डिंडोरी, बैहर, लांजी तथा परसवाड़ा में भी इस बार रिकॉर्ड , 2018 की तुलना में 2 से साढ़ 5 फीसद अधिक मतदान हुआ। परसवाड़ा में 86.37, बैहर में 84.81, लांजी में 84.50, डिंडोरी में 83.11, मंडला में 82.34 तथा बिछिया में 82.04 फीसद मतदान हुआ। नक्सल प्रभावित इन सीटों पर 2018 में क्रमश: 82.80, 80.08, 81.19, 78.00, 77.82 तथा 77.59 फीसद मतदान हुआ था। इन विधानसभा सीटों पर नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में बने 414 मतदान केंद्रों पर भी औसतन 66 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। इन क्षेत्रों में पुलिस व प्रशासन द्वारा लगातार चलाए गए जागरूकता अभियान तथा यहां रह रहे लोगों की लोकतंत्र पर भरोसे की मिसाल बालाघाट जिले के घोर नक्सलवाद प्रभावित सोनेवानी में देखने को मिली, जहां पूरे सौ फीसद मतदान हुआ। डिंडोरी जिले के नक्सल प्रभावित वनग्राम बोना में 94 फीसद से अधिक वोट डाले गये। मंडला जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं ने गजब का उत्साह दिखाया और पुरूषों से आगे निकलते हुए 81.52 फीसद ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
बालाघाट के इन केन्द्रों पर 80 से 99 फीसद मतदान
बालाघाट जिले के बैहर विधानसभा क्षेत्र के सर्वाधिक 172, लांजी के 85 तथा परसवाड़ा के 62 पोलिंग बूथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थे। इनमें औसत मतदान करीब 67 प्रतिशत हुआ, लेकिन दर्जन भर केन्द्रों पर मतदान का प्रतिशत 80 से 99 फीसद तक रहा। सोनेवानी में पूरे सौ फीसद तो दुगलई में 99, माते में 95, टाटीकला में 94, कट्टीपार में 90, कदला व सर्रा में 88, तल्लाबोडी में 85, जल्दीदांड व कांदला में 84, कोद्दापार में 83 तथा मादी व खर्रा में 80 फीसद वोट पड़े।
मंडला के 55 केन्द्रों पर 80 फीसद से अधिक वोटिंग
मंडला जिले का औसत मतदान का प्रतिशत 82.16 रहा। इसमें महिलाओं के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों के मतदाताओं की भी बड़ी भूमिका रही। जिले के मंडला विधानसभा क्षेत्र के 8 तथा बिछिया के 47 पोलिंग बूथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थे। इन केंद्रों पर औसत मतदान का प्रतिशत 80.76 रहा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र की 81.52 फीसद (18,182) महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इनके मुकाबले मतदान करने वाले पुरूष मतदातओं का आंकड़ा 79.84 (17,529) प्रतिशत रहा।
डिंडोरी के 40 केन्द्रों पर 79 फीसद वोट डाले गए
डिंडोरी में 40 पोलिंग बूथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थे। यहां औसत मतदान का प्रतिशत 79.16 रहा। यहां भी महिलाओं ने मतदान करने में अपार उत्साह दिखाया और पुरूषों (80.23) से जरा सा पीछे रहीं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र की 79.69 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। बोना वनग्राम में 94.11 फीसद वोट पड़े।
सोनेवानी में सबसे कम मतदाता
बालाघाट जिले के 319 में से 47 केंद्र घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में थे। सोनेवानी भी इन्हीं में शामिल है, जहां अब तक कई नक्सली घटनाएं हो चुकी हैं। यहां इस बार पूरे सौ फीसद मतदान हुआ है। सोनेवानी प्रदेश के उन मतदान केंद्रों में भी शुमार है, जहां बहुत कम मतदाता हैं। यहां मात्र 42, संभवत: प्रदेश में सबसे कम मतदाता हैं।
बढ़ते भरोसे का प्रतीक
नक्सली हमेशा चुनाव के बहिष्कार की बात करते हैं लेकिन बालाघाट सहित मंडला व डिडोरी जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के मतदाताओं ने बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करने में जो उत्साह दिखाया, वह यह बताता है कि लोग अब जागरूक हैं। उनका सरकार, प्रशासन और व्यवस्था पर भरोसा बढ़ा है।
- संजय सिंह, पुलिस महानिरीक्षक (बालाघाट जोन)