छिंदवाड़ा: 1600 वर्ष प्राचीन मठ में ९७० वर्षों से चली आ रही गणेशोत्सव मनाने की परंपरा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-19 09:38 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना। पांढुर्ना शहर के बीचों बीच शारदा मार्केट में मौजूद श्री वीरशैव लिंगायत मठ संस्थान के प्राचीन गणपति मठ में भगवान श्रीगणेश की आराधना होगी। मध्यप्रदेश में मौजूद वीरशैव लिंगायत का यह एकमात्र गणपति मठ है, जिसके लगभग 1600 वर्ष प्राचीन होने की बात कही जाती है। इसके यहां प्रमाण भी मौजूद हैं। 1600 वर्ष प्राचीन इस मठ में बीते 970 वर्षों से चली आ रही गणेशोत्सव मनाने की परंपरा को निभाते हुए इस वर्ष भी पूरी आस्था और भक्ति के साथ महोत्सव संपन्न होगा। प्राचीन मठ के जर्जर अवस्था में पहुंच जाने के कारण इन दिनों मठ का नवनिर्माण जारी है, ऐसे में इस साल यहां अस्थाई पंडाल में भगवान श्रीगणेश की स्थापना कर महोत्सव मनाया जाएगा।

मप्र में वीरशैव लिंगायत संस्थान का यह एकमात्र मठ:-

गणपति मठ के मठाधिपति वीररूद्रमुनी शिवाचार्य स्वामी महाराज के अनुसार यह गणपति मठ मध्यप्रदेश में मौजूद श्री वीरशैैव लिंगायत मठ संस्थान का एकमात्र मठ है। मठ में 970 वर्षों से गणेशोत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है। इतने वर्षों की परंपरा में श्रीगणेश की स्थापना और पूजन के प्रमाण भी यहां मौजूद हैं। 970 वर्षों की परंपरा के अनुसार मठ में स्थापित की जाने वाली भगवान गणेश की प्रतिमा का आकार, बनावट हर साल एक जैसी रहती है। यहां विराजित होने वाली गणेश प्रतिमा के स्वरूप में परंपरागत तौर पर एकरूपता निभाई जा रही है।

मठ में नवनिर्माण के चलते इस वर्ष अस्थाई पंडाल में होगी गणेश जी की स्थापना:-

महाराजजी के अनुसार मठ के नवनिर्माण के कारण इस साल परिसर में ही अस्थाई पंडाल लगाकर गणेशजी के उत्सव की तैयारी की जा रही है। आगामी 19 सितंबर को मठ के विधि-विधान अनुसार पारंपरिक रूप से यहां गणेशजी की स्थापना होकर उत्सव मनाया जाएगा। गणपति मठ में विराजित होने वाली गणेश प्रतिमा को शहर के ही मूर्तिकार एन. खोड़े आकार देते हंै। इस गणपति मठ से क्षेत्रवासियों की आस्था जुड़ी हुई है। गणेशोत्सव के दौरान भगवान श्री गणेश की आराधना करने श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ यहां पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि भगवान गणेश भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। इस साल भी यहां गणेश जी की आराधना करने भक्तों का मेला लगेगा।

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