छिंदवाड़ा: जिला अस्पताल की बत्ती गुल, मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में इलाज, ३३ केवी में तकनीकि फॉल्ट, ऐन वक्त पर खत्म हुआ जनरेटर का डीजल

  • जिला अस्पताल की बत्ती गुल... मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में इलाज
  • ३३ केवी में तकनीकि फॉल्ट
  • ऐन वक्त पर खत्म हुआ जनरेटर का डीजल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-30 07:50 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल के ३३ केवी सब स्टेशन में तकनीकि फॉल्ट आने से शुक्रवार सुबह से बिजली आपूर्ति बंद थी। आपातकाल के लिए लगे जनरेटर में ऐन वक्त में डीजल खत्म हो गया। ऐसे में इमरजेंसी यूनिट के चिकित्सकों ने मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीजों की मरहम पट्टी की। इस बीच वार्ड में भर्ती मरीज गर्मी और उमस में परेशान रहे।

बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह लगभग १०.३० बजे तकनीकि फॉल्ट आने से विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई। स्टाफ ने जनरेटर शुरू कर आपूर्ति बहाल कर दी थी। कुछ देर बाद जनरेटर में डीजल खत्म हो गया। डीजल की व्यवस्था बनाने में एक घंटे से अधिक का वक्त लग गया। जनरेटर में डीजल की व्यवस्था करने की जवाबदारी मेडिकल कॉलेज की है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने डीजल की व्यवस्था नहीं की। जैसे-तैसे अस्पताल प्रबंधन ने डीजल का इंतजाम कर जनरेटर शुरू किया। इस दौरान पूरा सिस्टम ठप रहा। मेटेनेंस के बाद लगभग २.३० बजे विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी।

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गर्मी-उमस से मरीज हलाकान-

शुक्रवार दोपहर को विद्युत आपूर्ति बंद होने से वार्डों में भर्ती मरीज खासे परेशान रहे। गर्मी और उमस से गायनिक वार्ड में भर्ती प्रसूता व नवजात शिशु परेशान थे। बच्चा वार्ड, अस्थि और सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीज भी इस दौरान परेशान होते देखे गए।

डीजल के लिए जंग, व्यवस्था बनाए कौन-

जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग के मेंटेनेंस की जवाबदारी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की है। इसमें जनरेटर के रखरखाव और डीजल की व्यवस्था का जिम्मा भी शामिल है, लेकिन हर बार आपात स्थिति में डीजल के लिए अस्पताल प्रबंधन को संघर्ष करना पड़ता है। शुक्रवार को भी ऐसे ही हालात बने थे। प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा आनन-फानन में डीजल की व्यवस्था बनाई गई।

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क्या कहते हैं अधिकारी-

सब स्टेशन में तकनीकि फॉल्ट आने से विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई थी। लगभग आधा घंटे में डीजल की व्यवस्था बनाकर जनरेटर शुरू कर दिए गए थे।

- डॉ.रवि टांडेकर, प्रभारी सिविल सर्जन

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