सर्पदंश १५ दिन में ७ ने गंवाई जान, झाडफ़ूंक पर न करें भरोसा, इलाज कराएं
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मानसून की दस्तक के साथ ही सर्पदंश का खतरा भी बढ़ गया है। बिलों में पानी भरने पर सांप सुरक्षित ठिकानों की तलाश में अक्सर घरों में घुस आते हैं। ऐसे में सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ती है। जुलाई माह के बीते १५ दिनों में लगभग ५० लोगों को सांप ने डंसा था। इनमें से ७ लोगों की मौत हो गई।
आज भी जिले के ग्रामीण इलाकों में सांप के डंसने पर लोग चिकित्सकीय इलाज से पहले ओझा और भुमका के पास जाते है। झाडफ़ूंक के चलते होने वाली देरी और समय पर इलाज न मिलने से लोगों की जान चली जाती है। एमडी मेडिसिन डॉ.मनीष गठोरिया का कहना है कि स्नेक बाइट से पीडि़त मरीज को एंटी स्नेक वेनम के डोज लग जाए तो उसकी जान बच सकती है।
बारिश के दिनों में जमीन पर न सोएं-
बारिश के दौरान बिलों में पानी समा जाता है। जिसकी वजह से सांप घरों में घुस आते है। ऐसे में जमीन पर सोना खतरनाक हो सकता है। पिछले कुछ दिनों में जमीन पर सो रहे लोगों को सांप ने डंसा था। जिनमें से कुछ लोगों की जान चली गई।
झाडफ़ूंक में गंवाया समय, महिला की मौत-
परासिया के ग्राम धमनिया निवासी ३० वर्षीय क्रांति पति गिरेश सरेयाम शुक्रवार रात जमीन पर सो रही थी। रात लगभग २ बजे क्रांति के हाथ में सांप ने डंस लिया था। झाडफ़ूंक कराने के बाद परिजनों ने उसे शनिवार सुबह १० बजे जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया। इलाज के दौरान शाम ४ बजे महिला ने दम तोड़ दिया।
इन बातों की रखें सावधानी...
- घर के आसपास सफाई रखे, कचरे का ढेर न लगने दें।
- घर में चूहे-छिपकली न आने दें, यह सांपों का मुख्य आहार है।
- घर की नालियों में जाली लगाएं और नालियां ढंकी हो।
- इन दिनों जमीन पर न सोएं।
- झाडफ़ूंक में समय न गंवाए, चिकित्सकीय इलाज जरुर कराएं।
पिछले दिनों सर्पदंश से हुई मौतें...
- २ जुलाई को अमरवाड़ा की संतकुमारी उईके (५४) की मौत हो गई।
- ४ जुलाई को अमरवाड़ा निवासी काव्या राठौर (२) की मौत हो गई।
- ७ जुलाई को चांद निवासी मानवती काकोडिया (६८) की मौत हो गई।
- ९ जुलाई को शिवपुरी निवासी संतलाल परतेती (६२) की मौत हो गई।
- ११ जुलाई को तामिया निवासी सुभाष मरकाम (३२) की मौत हो गई।
- १४ जुलाई को शिवपुरी निवासी सुखराम ढाकरिया (७४) की मौत हो गई।
- १५ जुलाई को परासिया की क्रांति सरेयाम (३०) की मौत हो गई।